डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने सोमवार को अमेजन (Amazon) की याचिका खारिज कर दी, जिसमें सीसीआई के आदेश को चुनौती दी गई थी. सीसीआई ने अपने आदेश में फ्यूचर (Future Retail) कूपन के साथ अमेजन के सौदे की मंजूरी को निलंबित कर दिया था. न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले को बरकरार रखा और अमेजन को निर्देश दिया कि वह सोमवार से 45 दिनों के भीतर निष्पक्ष व्यापार नियामक द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी पर लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को जमा करे.
दिसंबर ने सीसीआई ने लगाया था जुर्माना
दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि यह अपीलीय न्यायाधिकरण सीसीआई के साथ पूरी तरह से सहमत है. पिछले साल दिसंबर में, सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अमेजन द्वारा किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
करीब 25 हजार करोड़ की डील का है मामला
अमेजन ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी. फ्यूचर कूपंस लिमिटेड (एफसीपीएल) फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) की प्रवर्तक है. अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी तब से दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है.
लिस्टिंग प्राइस से करीब 29 फीसदी नीचे आ चुका है LIC Share, निवेशकों को भारी नुकसान
फ्यूचर के शेयरों में 5 फीसदी का अपर सर्किट
वहीं दूसरी ओर इस फैसले के आने के बाद फ्यूचर रिटेल के शेयरों में 5 फीसदी का अपर सर्किट लगा है. आंकड़ों के अनुसार आज फ्यूचर रिटेल के शेयर 5 फीसदी की तेजी के साथ 8.47 रुपये पर कारोबार कर रहा है. जबकि शुक्रवार को कंपनी का शेयर 8.07 रुपये पर बंद हुआ था. जब से रिलायंस और फ्यूचर के बीच डील हुई है और मामला कानूनी पचड़े में फंसा है, तब से कंपनी के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिल रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Amazon को बड़ा झटका, 45 दिन में जमा कराने होंगे 200 करोड़ रुपये