डीएनए हिंदी: भारत के सबसे अमीर लोगों में शामिल और देश की सबसे बड़ी कंपनी के एमडी एवं चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani) ने लगातार दूसरे साल अपने वेतन को पूरी तरह से जीरो रखा है. वित्त वर्ष 2020-21 में उन्होंने अपना पूरा वेतन छोडऩे का फैसला लिया था, जो वित्त वर्ष 2021-22 में भी जारी रहा. रिलायंस की फ्रेश एनुअल रिपोर्ट (Reliance Annual Report) के अनुसार मुकेश अंबानी का पारिश्रमिक (Mukesh Ambani Salary) वित्तीय वर्ष 2020-21 में शून्य था. उन्होंने जून 2020 में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपना वेतन को छोडऩे का फैसला किया था जो वित्त वित्त वर्ष 2021-22 में भी कोई वेतन नहीं लेना जारी रखा. जानकारों की मानें तो इन दोनों वर्षों में, अंबानी ने चेयरमैन और एमडी के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज से किसी भी प्रकार के वित्तीय भत्ते, प्रीइक्विटीज, रिटायरमेंट बेनिफिट आदि नहीं लिए है.
12 साल पहले यह लिया था फैसला
वित्त वर्ष 2008-09 से वित्त वर्ष 2019-20 तक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के एमडी ने मैनेजेरियल कंपंसेशन के लेवल पर मॉडरेशन का एक पर्सनल एग्जाम्पल सेट करने के लिए अपने वेतन को 15 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया था. मुकेश अंबानी ने 2008-09 से वेतन, अनुलाभ, भत्ते और कमीशन को एक साथ 15 करोड़ 3पये रखा, जो प्रति वर्ष 24 करोड़ रुपये से ज्यादा है. एक आधिकारिक बयान में, कंपनी ने जून 2020 में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और एमडी मुकेश डी अंबानी ने भारत में कोविड-19 के प्रकोप के दौरान अपने वेतन को वापस लेने का फैसला किया, जो देश की आर्थिक और औद्योगिक विकास को प्रभावित कर रहा है.
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इन लोगों मिली इतनी सैलरी
हालांकि, उनके चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी की सैलरी 24 करोड़ रुपये पर स्टेबल है. इस बार, इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है. दूसरी ओर, कार्यकारी निदेशकों पीएमएस प्रसाद और पवन कुमार कपिल की सैलरी में मामूली गिरावट देखने को मिली है. प्रसाद ने 2021-22 में 11.89 करोड रुपय़े, जबकि 2020-21 में 11.99 करोड़ रुपये सैलरी मिली थी. कपिल को 2021-22 में 4.22 करोड़ रुपये और 2020-21 में 4.24 रुपये मिले थे. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उनके भुगतान में वित्त वर्ष 2020-21 में किए गए प्रदर्शन का इंसेंटिव भी शामिल हैं, जिनका भुगतान एफआई 2021-22 में किया गया है.
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नीता अंबानी के जेब में आए कितने
मुकेश अंबानी के अलावा, उनकी पत्नी, नीता, जो कंपनी के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक हैं, ने बैठक शुल्क के रूप में 5 लाख रुपये और वर्ष के लिए 2 करोड़ रुपये का मुआवजा लिया है. पिछले वर्ष में, उसे बैठक शुल्क के रूप में 8 लाख रुपये और 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था.
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Mukesh Ambani Salary: रिलायंस के चेयरमैन ने लगातार दूसरे साल ली इतनी सैलरी, जानें पूरा मामला