डीएनए हिंदी: हम सभी टाटा ग्रुप (Tata Group) के मालिक और बिजनेस टाइकून रतन टाटा (Ratan Tata) के विनम्र व्यवहार और उदारता की बहुत सी कहानियां जानते हैं. टाटा ग्रुप के चेयरमैन अपने द्वारा किए जाने वाले कामों के लिए जाने जाते हैं. अब जब रतन टाटा की बात हो रही है तो अदिति भोसले वालुंज (Aditi Bhosale Walunj) और चेतन वालुंज (Chetan Walunj) की कहानी भी कैसे छूट सकती है. बता दें कि कपल एक ईंधन वितरण कंपनी - Repos चलाती है. हालांकि, जब वे अपने बिजनेस को सेट करने की जुगत में जुड़े थे तो इस दौरान वह इसको बेहतर तरीके से चलाने के लिए रतन टाटा से मिलने की कोशिश कर रहे थे. आखिरकार, वे दुनिया के सबसे बड़े ग्रुप्स में से एक के प्रमुख रतन टाटा से मिलने में सफल हो गए. खैर वो कहते हैं ना आसानी से कुछ भी नहीं मिलता है ऐसे में इस कपल को अपने आइकन से मिलने के लिए दर-दर भटकना पड़ा. आइए जानते हैं इस कपल के धैर्य और दृढ़ संकल्प और रतन टाटा की उदारता और अगली पीढ़ी के उद्यमियों को तैयार करने की इच्छा की कहानी:
Repos Energy के CEO
चेतन (Chetan Walunj) और अदिति भोसले वालुंज (Aditi Bhosale Walunj) Repos Energy नाम से एक स्टार्टअप चलाते हैं. जीवन में उनका मोटो है कि वह कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करना चाहते हैं और यहां तक कि पारंपरिक ईंधन व्यवसाय (Conventional Fuel Business) में भी कमी लाना चाहते हैं. कंपनी सभी प्रकार के फ्यूल को एक ही जगह के अंदर रखना चाहती है और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कंपनी में एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन को बदलना चाहती है. वे अपने व्यवसाय का लागत प्रभावी मॉडल भी बनाना चाहते हैं. उन्होंने 2017 में टाटा द्वारा समर्थित एक प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत की थी. हालांकि, यह प्रोजेक्ट प्रतिष्ठित व्यवसायी से मिलने के बड़े प्रयासों के बाद आई थी.
एक लिंक्डइन पोस्ट में भोसले ने कहा कि टाटा आपकेरोज मिलने वाले पड़ोसी नहीं हैं जिनसे आप आसानी से मिल सकें. वे टाटा ग्रुप के चेयरमैन हैं. दंपति ने किसी भी बिजनेस स्कूल से शिक्षा हासिल नहीं की है. इसलिए वे कड़ी मेहनत और काम सिखने पर ध्यान देते हैं.
उन्होंने एक 3D प्रेजेंटेशन दी और दिग्गज बिजनेस लीडर टाटा से मिलने के लिए निकल पड़े. उन्होंने सबसे पहले टाटा को हाथ से लिखा एक लेटर भेजा. उन्होंने उन लोगों से भी संपर्क किया जिन पर टाटा अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए निर्भर है. वे मुंबई में रतन टाटा के घर मिलने गए और 12 घंटे तक इंतजार किया. लेकिन रतन टाटा के बीजी होने की वजह से कपल दुबारा निराश होकर घर चला गया.
एक घंटे के भीतर, उन्हें एक फोन आया. इस फोन पर दूसरी तरफ से एक आवाज आई, जिसने कहा "हाय, क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूँ." दरअसल रतन टाटा थे. जिन्होंने कहा कि “मुझे आपका लेटर मिला…. क्या हम मिल सकते हैं?" उन्हें शुरू में विश्वास नहीं हुआ कि रतन टाटा उन्हें खुद कॉल करके मिलने के लिए बोलेंगे.
Repos Energy को टाटा से मिली फंडिंग
वे जल्द ही मिले और रतन टाटा के सामने अपनी प्रेजेंटेशन दी. इससे प्रभावित होकर रतन टाटा ने कंपनी में दो बार निवेश किया. Repos Energy अब पूरे भारत के 188 शहरों में मौजूद है. अब उनके एक हजार से ज्यादा बिजनेस पार्टनर हैं. मई 2022 में कंपनी को टाटा ग्रुप से 56 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली थी. कंपनी अब कई गुना बढ़ गई है. इस साल कंपनी को 185 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है.
अदिति ने बताया कि उसकी कंपनी मोबाइल ईंधन स्टेशनों के लिए ATM की तरह काम करती है. मूल रूप से, यह उद्यमों को उनके दरवाजे पर ईंधन प्राप्त करने में मदद करता है. यह ईंधन की चोरी को रोकने और ईंधन की खपत की निगरानी करने में भी मदद करता है. उन्होंने 2,000 मोबाइल ईंधन स्टेशन तैनात किए हैं.
Repos Energy जुटायेगी इतने करोड़ रुपये
Repos Energy अब 300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. मूल रूप से, वे ईंधन वितरण के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं. वे इसे आसानी से करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं.
बता दें कि रेपोस मोबाइल पेट्रोल पंप (Repos Mobile Petrol Pump) व्हीकल से जुड़े हुए हैं. वे इन्हीं ट्रकों के जरिए डीजल का वितरण करते हैं. उन्होंने एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया है जहां डीजल उपभोक्ता और डिलीवरी पार्टनर सीधे जुड़ सकते हैं और सुरक्षित लेनदेन कर सकते हैं.
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