डीएनए हिंदी: अगर आप कहीं बाहर जाने का प्लान बना रहे हैं और प्लेन की टिकटों की बुकिंग कराने के बारे में सोच रहे हैं तो अभी करा लीजिए, वर्ना आने वाले दिनों में अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है. वास्तव में हवाई जहाज में पडऩे वाला जेट फ्यूज का प्राइस (Jet Fuel Price) अपने ऑलटाइम हाइक पर पहुंच गया है. जानकारों की मानें तो जेट फ्यूल के दाम में इजाफा (Jet Fuel Price Hike) होने से एयरलाइंस की ऑपरेशनल कॉस्ट में इजाफा हो रहा है, जिसका असर कमाई पर भी साफ देखने को मिल रहा है. जिसे अब पैसेंजर पर शिफ्ट करने के बारे में सोचा जा रहा है.
जेट फ्यूल की कीमतों में ताजा बढ़ोतरी के बाद आने वाले दिनों में हवाई किराए में और बढ़ोतरी हो सकती है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने गुरुवार को एयर टरबाइन फ्यूल जिसे जेट फ्यूल भी कहा जाता है में इजाफा कर दिया है. इस इजाफे के बाद जेट फ्यूल की कीमतें लाइफ टाइम हाइ पर पहुंच गई हैं. एविएशन इंडस्ट्री पिछली कुछ तिमाहियों से महामारी के कारण काफी नुकसान उठा रही है. यह सेक्टर अभी भी कंसोलिडेशन फेज से गुजर रहा है. ऐसे में जेट फ्यूल की कीमत में इजाफा निश्चित रूप से एयरलाइंस की ऑपरेशनल कॉस्ट और प्रोफिट मार्जिन को प्रभावित करेगा.
महानगरों में जेट फ्यूज के दाम
घरेलू एयरलाइनों के लिए, दिल्ली में एटीएफ की लागत 1,41,232.87 रुपये प्रति किलोलीटर है. कोलकाता में एटीएफ के दाम 1,46,322.23 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं. मुंबई में जेट फ्यूल की कीमत 1,40,092.74 रुपये प्रति किलोलीटर हो चुकी हैं. चेन्नई में जेट फ्यूल के दाम 1,46,215.85 रुपये प्रति किलोलीटर पर पहुंच चुके हैं. जेट फ्यूल की कीमत में आखिरी बार 1 जून के दिन बदलाव किया गया था.
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10 से 15 फीसदी तक का हो सकता है इजाफा
स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि एयर टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में तेज वृद्धि और रुपये की गिरावट ने घरेलू एयरलाइंस के पास हवाई किराए में तुरंत वृद्धि करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. सिंह ने एक बयान में कहा कि ऑपरेशनल कॉस्ट को बेहतर बनाए रखने के लिए हवाई किराए में कम से कम 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जून 2021 से एटीएफ की कीमतों में 120 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. यह भारी वृद्धि टिकाऊ नहीं है और सरकारों, केंद्र और राज्य को एटीएफ पर टैक्स को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं.
इस तेज वृद्धि के पीछे क्या कारण है?
एटीएफ की कीमतें वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी हुई हैं, और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण लगातार बढ़ी हैं, जिसने रूसी तेल को बाजार से हटा दिया है.
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इस वृद्धि से भारतीय एयरलाइंस कैसे प्रभावित होंगी?
कोविड-19 महामारी के कारण पिछली कुछ तिमाहियों में एयरलाइंस को भारी नुकसान हुआ है. एटीएफ भारत में एक एयरलाइन चलाने की लागत का 30-40 फीसदी है, और इसकी कीमतों में वृद्धि से प्रोफिट मार्जिन को नुकसान होगा.
यात्रियों पर इसका क्या असर होगा?
यात्रियों को अपने हवाई टिकट के लिए अधिक भुगतान करना होगा. 2022 में हवाई किराए में तेजी से वृद्धि हुई है. मई में घरेलू हवाई किराए में एक साल पहले की अवधि की तुलना में लोकप्रिय मार्गों पर 50-75 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
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