डीएनए हिंदी: टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक और भारत के ‘स्टील मैन’ कहे जाने वाले जमशेद जे. ईरानी का सोमवार रात जमशेदपुर में निधन (Jamshed J Irani Passes Away) हो गया. वह 86 वर्ष के थे. टाटा स्टील (Tata Steel) ने ईरानी के निधन की जानकारी दी. ईरानी चार दशकों से अधिक समय तक टाटा स्टील से जुड़े. वह 43 साल की विरासत को पीछे छोड़ते हुए जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से रिटायर हुए थे. टाटा स्टील ने एक बयान में कहा कि भारत के 'स्टील मैन' का निधन हो गया है. अत्यंत दुख के साथ टाटा स्टील पद्म भूषण डॉ जमशेद जे ईरानी के निधन की सूचना दे रही है.
We are deeply saddened at the demise of Padma Bhushan Dr. Jamshed J Irani, fondly known as the Steel Man of India. Tata Steel family offers its deepest condolences to his family and loved ones. pic.twitter.com/gGIg9JgGMS
— Tata Steel (@TataSteelLtd) October 31, 2022
टाटा के साथ कैसे शुरू हुआ सफर
उनका निधन 31 अक्टूबर 2022 को रात 10 बजे जमशेदपुर के टीएमएच (टाटा अस्पताल) में हुआ. विदेश में शिक्षा ग्रहण करने और पेशेवर जीवन की शुरुआत करने के बाद, ईरानी 1968 में ‘टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी’ (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. वह कंपनी से अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में जुड़े. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा, डॉ ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम किया.
T. V. Narendran, CEO & MD, Tata Steel, pays his tribute to the steel man of India, Padma Bhushan Dr. Jamshed J Irani. pic.twitter.com/EhYioUmJGx
— Tata Steel (@TataSteelLtd) November 1, 2022
टाटा संस के चेयरमैन दिया बयान
ईरानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि ईरानी टाटा से जुड़े एक सर्वोत्कृष्ट व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि वह एक महान कॉरपोरेट व्यक्तित्व थे, जिनका इस्पात उद्योग में बहुत बड़ा योगदान था. टाटा समूह में हम सभी को डॉ ईरानी की बहुत याद आएगी और हम उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं. टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि ईरानी ने नब्बे के दशक में कंपनी को बदल दिया और इसे दुनिया में सबसे कम लागत वाले इस्पात उत्पादकों में से एक बना दिया. नरेंद्रन कहा, ''उन्होंने एक मजबूत नींव बनाने में मदद की, जिस पर हम बाद के दशकों में विकसित हुए.
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कब और कहां हुआ था जन्म
ईरानी के परिवार में उनकी पत्नी डेज़ी ईरानी और उनके तीन बच्चे जुबिन, निलोफर और तनाज़ हैं. ईरानी का जन्म दो जून 1936 को नागपुर में जिजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर में हुआ. उन्होंने 1956 में साइंस कॉलेज, नागपुर से बीएससी और 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में एमएससी पूरा किया. इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय से धातुकर्म में परास्नातक और पीएचडी की उपाधि हासिल की. उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की.
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इन सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं ईरानी
वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. उन्होंने 1992-93 के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाला. उन्हें कई सम्मान मिले, जिसमें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइटहुड की उपाधि शामिल है. उद्योग में ईरानी के योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. टाटा स्टील ने कहा, ''उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के विकास में अत्यधिक योगदान दिया.
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