डीएनए हिंदीः खाद्य मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि खाद्य महंगाई (Food Inflation) के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2022 में खाद्य पदार्थों की कीमतों में सालाना 7.2 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. बढ़ती महंगाई आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा रही है. ऐसे संकेतकों के बीच, केंद्र सरकार तय करेगी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) मुफ्त राशन योजना का विस्तार किया जाए या नहीं. वहीं उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि यह फैसला कब तक लिया जा सकता है.
मार्च 2020 में शुरू हुई थी योजना
चूंकि देश कोविड -19 महामारी के दौरान सख्त तालाबंदी के अधीन था, केंद्र की सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करने के लिए मार्च 2020 में पीएमजीकेएवाई शुरू करने का निर्णय लिया था. इस योजना का उद्देश्य महामारी के दौरान कठिनाइयों को कम करना था क्योंकि लोग महामारी के दौरान आर्थिक अवसरों से रहित थे. अनाज का आवंटन भी एनएफएसए के तहत सामान्य आवंटन से अधिक था.
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सरकार करेगी फैसला
प्रारंभ में, यह योजना तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन जैसे-जैसे महामारी और आर्थिक मंदी जारी रही, इस योजना को कई बार बढ़ाया गया. पीएमजीकेएवाई योजना के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को फैसला करना है.‘ खाद्य मंत्रालय की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘ये सरकार के बड़े फैसले हैं... सरकार इस पर फैसला करेगी.‘ वह रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वार्षिक आम बैठक से इतर बोल रहे थे.
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कई बार आगे बढ़ाई जा चुकी है योजना
यह योजना मार्च 2020 से जून 2020 तक की अवधि के लिए शुरू की गई थी. पहला विस्तार जून 2020 में आया था और इस योजना को नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया था. चूंकि 2021 के पहले कुछ महीनों के दौरान कोविड -19 के कारण मामले और मृत्यु दर कम हो गई थी, इसलिए योजनाओं को स्थगित रखा गया था. जैसे ही वायरस ने अप्रैल के आसपास फिर से अपना सिर उठाना शुरू किया, सरकार ने अप्रैल 2021 से जून 2021 तक इस योजना को फिर से शुरू किया.
जैसा कि महामारी की दूसरी लहर अधिक विनाशकारी थी, सरकार को इस योजना को नवंबर 2021 तक और आगे मार्च 2022 तक बढ़ाना पड़ा. मार्च 2022 में, बहुत विचार-विमर्श के बाद, केंद्र ने फिर से इस योजना को सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया. पीएमजीकेएवाई (मार्च 2020 से सितंबर 2022 तक) के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. पिछले विस्तार तक, सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत 1000 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया है.
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