डीएनए हिंदी: अवैध और बेहिसाब नकद लेनदेन पर नकेल कसने के लिए, सरकार ने इस साल की शुरुआत में नकद सीमा नियमों (High Value Transactions) में संशोधन किया था. निर्धारित सीमा से अधिक नकद भुगतान करने या प्राप्त करने पर भुगतान या प्राप्त राशि के 100 प्रतिशत तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा निर्धारित नए नियमों के तहत, जो व्यक्ति सालाना 20 लाख रुपये से अधिक जमा करना चाहते हैं, उन्हें अब अपना पैन (Pan) और आधार कार्ड (Aadhaar Card) अनिवार्य रूप से दिखाना होगा. जबकि पहले एक दिन में 50 हजार रुपये जमा कराने पर आपको पैन दिखाला होता था, सालाना डिपोजिट की कोई लिमिट नहीं थी. लेकिन नए नियमों के तहत, एक या एक से अधिक बैंकों में एक वर्ष में बड़ी मात्रा में कैश विड्रॉल और डिपोजिट अमाउंट को ट्रैक करने के लिए पैन और आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है.
जिन लोगों के पास पास पैन नहीं है, उन्हें एक दिन में 50,000 रुपये से अधिक या वित्तीय वर्ष में 20 लाख से अधिक के किसी भी ट्रांजेक्शन के कम से कम सात दिन पहले पैन के लिए आवेदन करना होगा. आयकर विभाग, केंद्र सरकार के अन्य विभागों के साथ, पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय धोखाधड़ी, अवैध धन लेनदेन और अन्य धन अपराधों के जोखिम को कम करने के लिए नियमों को अपडेट और बदलाव कर रहा है. सरकार हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन में नकदी के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए 2 लाख रुपये से अधिक की नकद प्राप्त करने पर भी रोक लगाती है. इसलिए, कोई व्यक्ति 2 लाख रुपये से अधिक कैश स्वीकार नहीं कर सकता, यहां तक कि करीबी परिवार से भी नहीं.
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सरकार ने काले धन से निपटने के लिए कैश ट्रांजेक्शन पर कई सीमाएं तय की हैं. आइए कुछ कैश ट्रांजेक्शन पर नजर डालते हैं जिनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
1. भारत के आयकर कानून किसी भी कारण से 2 लाख रुपये से अधिक के कैश ट्रांजेक्शन पर रोक लगाते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आप एक ही ट्रांजेक्शन में 3 लाख रुपये के सोने के आभूषण खरीदते हैं, तो आपको चेक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान करना होगा.
2. परिवार के किसी सदस्य से धन प्राप्त होने पर भी आपको इस दिशा-निर्देश का पालन करना होगा.
3. सरकार हाई वैल्यू के ट्रांजेक्शन में कैश उपयोग को सीमित करने के लिए किसी को भी 2 लाख रुपये से अधिक की कैश स्वीकार करने से रोकती है. इसलिए, एक ही दिन में, कोई व्यक्ति अपने करीबी रिश्तेदारों से भी 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश स्वीकार नहीं कर सकता है.
4. एक बार में एक दानदाता से 2 लाख रुपये से अधिक का कैश उपहार भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है. जो लोग इसका उल्लंघन करते हुए 2 लाख रुपये से अधिक कैश स्वीकार करते हैं, उन्हें प्राप्त राशि के बराबर दंड दिया जाएगा.
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5. सुनिश्चित करें कि आप टैक्स प्लानिंग के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस के लिए नकद भुगतान नहीं करते हैं. यदि टैक्सपेयर्स अपने इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान नकद में करते हैं, तो वे धारा 80डी कटौती के लिए पात्र नहीं हैं. यह बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से किया जाना जरूरी है.
6. यदि कोई व्यक्ति किसी वित्तीय संस्थान या मित्र से कैश लोन लेता है, तो कुल राशि 20,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती है. लोन चुकौती पर भी यही नियम लागू होता है. 20,000 रुपये के लोन रीपेमेंट एक वित्तीय चैनल के माध्यम से करना होगा.
7. एक संपत्ति लेनदेन में, अधिकतम नकद की अनुमति भी 20,000 रुपये है. यदि कोई विक्रेता एडवांस लेतमा है तो भी लिमिट वही है.
8. जब स्व-व्यवसायी टैक्सपेयर्स की बात आती है, तो वे 10,000 रुपये से अधिक के किसी भी खर्च का दावा नहीं कर सकते हैं यदि यह एक ही दिन में एक व्यक्ति को नकद में भुगतान किया जाता है. कानून एक ट्रांसपोर्टर को दिए गए भुगतान के लिए 35,000 रुपये हाईएस्ट लिमिट तय की हुई है.
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High Value Transactions से पहले करना होगा यह काम, वर्ना होगा नुकसान