डीएनए हिन्दी: क्या दुनिया बड़े आर्थिक संकट (Global Recession) की तरफ बढ़ रही है? सोमवार को इसके कयास लगाए जाने लगे हैं. 2008 की सब-प्राइम क्राइसिस के बाद पैदा हुई मंदी की आहट इस बार भी सुनाई देने लगी है. अभी तक दुनिया महंगाई की मार से त्रस्त थी, लेकिन अब दुनिया में फाइनैंशल स्थिरता के लक्षण दिखने लगे हैं. सोमवार को इसका पहला लक्षण देखने को मिला.
स्टिजरलैंड बेस्ड ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंक और दुनिया की टॉप फाइनैंशल सर्विसेज कंपनी क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) को लेकर कई खबरें आईं. इस दिग्गज कंपनी का शेयर अपने ऑल टाइम लो पर है. कंपनी के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर को लेकर निवेशकों में हड़कंप मच गया. इन खबरों के बीच कंपनी के सीइओ ने उलरिच कॉर्नर (Ulrich Koerner) ने निवेशकों से कुछ दिन का समय मांगा है. उलरिच ने इसी साल कंपनी के सीईओ के कार्यभार का पद संभाला है.
यह भी पढ़ें, क्या "Slowdown" से गुज़र रहा है भारत ? FM ने की सीधी बात
बताया जा रहा है कि बढ़ती महंगाई के कारण कंपनी अपनी फाइनैंशल स्थिति को लेकर मुश्किलों से गुजर रही है. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस बार के आर्थिक संकट के दौरान पहली बार किसी बड़ी कंपनी की खराब स्थिति को लेकर खबर आई है.
एक साल पहले क्रेडिट सुइस का मार्केट कैप 22.3 बिलियन डॉलर था, लेकिन अब यह 10.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इन एक सालों में क्रेडिट सुइस के शेयरों में करीब 56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
यह भी पढ़ें, आर्थिक संकट से जूझ रहे दुनिया के दिग्गज देश, क्या भारत पर भी पड़ेगी मंदी की मार?
बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (Credit Default Swaps) में उछाल देखने को मिल रहा है. यह उछाल करीब 15 फीसदी का है. सीडीएस एक ऐसा इंडिकेशन है जो यह दर्शाता है कि आने वाले समय में कंपनी के डिफॉल्टर होने की कितनी प्रोबैविलिटी है.
बताया जा रहा है कि यह स्विस कंपनी पूंजी जुटाने की तलाश में है. दावा किया जा रहा है कि बैंक पूंजी जुटाने के लिए अपनी कुछ संपत्तियों को बेच भी सकती है.
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट की मानना है कि अभी स्थिति 2008 की तरह नहीं है. कंपनी मुश्किल में जरूर है लेकिन वह इससे बाहर निकल जाएगी.
अगर क्रेडिट सुइस जैसी ग्लोबल कंपनी डिफॉल्ट होती है तो ग्लोबल फाइनैंशल मार्केट का ध्वस्थ होना तय है. अगर ऐसा होता है तो यह 2008 से बड़ी मंदी होगी, जो पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले सकती है.
हालांकि, इस सभी चीजों को लेकर बैंक की तरफ से कुछ ही स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है. बैंक का कहना है कि वह 27 अक्टूबर को अपनी रणनीति के बारे में अपडेट करेगा. ध्यान रहे कि 27 को बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे आने वाले हैं.
बताया जा रहा है कि क्रेडिट सुइस की तरह Deutsche Bank को लेकर भी निगेटिव खबरें आ रही हैं. इन दोनों बैंकों का दुनिया में बड़ा कारोबार है. अगर ये मुश्किल में फंसती हैं तो दुनिया का बड़े आर्थिक मंदी की गिरफ्त में आना तय है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
बड़े आर्थिक संकट के मुहाने पर खड़ी है दुनिया, दिखने लगे लक्षण!