डीएनए हिंदी: ग्लोबल लेवल पर एयरलाइंस का घाटा 2021 में 52 अरब डॉलर से घटकर इस साल 9.7 अरब डॉलर रह सकता है. इंडस्ट्री का वर्ल्ड वाइड प्रोफिट 2023 में अच्छा देखने को मिल सकता है. आईएटीए (IATA) के महानिदेशक विली वॉल्श ने सोमवार को जानकारी देते हुए यह बात कही. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (International Air Transport Association) कुछ 290 एयरलाइनों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें ग्लोबल एयर ट्रफिक का 83 फीसदी शामिल है. वॉल्श ने आईएटीए की 78वीं वार्षिक आम बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि वैश्विक स्तर पर एयरलाइनों के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है, लेकिन कारोबारी माहौल चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.
फ्यूल की कीमतों में होगा 50 फीसदी का इजाफा
सभी चुनौतियों को लिस्ट करते हुए वॉल्श ने कहा कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) 38 विकसित देशों का एक समूह में- अप्रैल में महंगाई 9 फीसदी से ऊपर है. वॉल्श ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण (वैश्विक) जीडीपी इस साल 3.4 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. बुरा नहीं है, लेकिन पहले के पूर्वानुमानों के मुकाबले नीचे है. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक को उम्मीद है कि 2021 की तुलना में ऊर्जा की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के अवैध आक्रमण ने वैश्वीकरण को अस्थिर कर दिया है, दुनिया की खाद्य आपूर्ति को खतरा है, और शीत युद्ध के बाद एक बार फिर से भू-राजनीतिक विभाजन देखने को मिल रहा है.
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कम होगा नुकसान
उन्होंने कहा कि 650 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज वाली एयरलाइनों की पस्त बैलेंस शीट को ठीक करना एक बड़ी चुनौती होगी, उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर एयरलाइनों की कड़वी आर्थिक और राजनीतिक वास्तविकताओं को दूर करने का कोई तरीका नहीं है. वॉल्श ने कहा, लेकिन यात्रा करने की इच्छा और माल ले जाने की आवश्यकता दोनों ही ठोस हैं. हमारा उद्योग अब दुबला, कठिन और फुर्तीला है. हमारा नवीनतम विश्लेषण 2021 में 42 बिलियन अमरीकी डालर के करीब घाटा दिखाता है, एक बड़ा नुकसान, लेकिन हमारे पहले के अनुमान 52 बिलियन अमरीकी डॉलर से नीचे है. और अब हम मानते हैं कि इस साल वैश्विक नुकसान 9.7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक कम हो जाएगा.
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साल 2022 में ना के बराबर रह जाएगा ग्लोबल एविएशन का घाटा, जानिए कैसे