डीएनए हिंदी: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) 17 जनवरी 2023 को दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे. लेकिन आज यानी 3 फरवरी को वह टॉप 20 में भी अमीरों की लिस्ट में नहीं रहे. बता दें कि 17 जनवरी को अडानी की नेटवर्थ 124 अरब डॉलर थी, जो कि अब तेजी के साथ नीचे गिरकर 3 फरवरी को 61.3 अरब डॉलर पर आ गई है. बता दें कि अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों के मार्केट वैल्यू में 108 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. यह गिरावट तब आई है जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर 24 जनवरी की रिपोर्ट में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. बता दें कि इस वक्त गौतम अडानी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में 21वें स्थान पर आ गए हैं.
अडानी की संपत्ति में तेजी के साथ गिरावट
कभी भारत और एशिया के सबसे धनी लोगों में नंबर 1 स्थान पर रहने वाले गौतम अडानी (Gautam Adani) अब भारत के दूसरे सबसे अमीर और तीसरे सबसे अमीर एशियाई हैं. अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अपनी 103 पेज की रिसर्च रिपोर्ट के साथ अडानी समूह में कॉरपोरेट गवर्नेंस के बारे में पुराने संदेहों को फिर से ताजा कर दिया है. अडानी का 412 पन्नों का लंबा खंडन निवेशकों को आश्वस्त करने में विफल रहा है. दरअसल अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में लगभग हर रोज लोअर सर्किट लग रहा है. हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद, अडानी 2022 में सबसे ज्यादा संपत्ति हासिल करने वाले से इस साल ब्लूमबर्ग की अमीरों की सूची में सबसे ज्यादा गंवाने वाले बिजनेसमैन बन गए हैं.
हिंडनबर्ग के आरोपों ने अडानी समूह के लिए संकट की घड़ी तैयार कर दी
इससे पहले अडानी समूह (Adani Group) की प्रमुख फर्म के बॉन्ड अमेरिकी व्यापार में संकटग्रस्त स्तर तक गिर गए थे और अडानी समूह के शेयरों में 92 बिलियन डॉलर की गिरावट के बाद कंपनी ने अचानक घरेलू स्टॉक की पेशकश पर रोक लगा दिया. इसके बाद, स्विस लेंडर क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) ने बुधवार को अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों द्वारा मार्जिन ऋण देने के लिए गिरवी के रूप में बांड स्वीकार करना बंद कर दिया. सिटीग्रुप इंक (Citigroup Inc) की वेल्थ शाखा ने मार्जिन लोन के लिए गिरवी के रूप में गौतम अडानी की फर्मों के समूह की सिक्योरिटीज को स्वीकार करना बंद कर दिया है. बता दें कि बैंकों ने अडानी के वित्त की जांच तेज कर दी है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कथित तौर पर अडानी समूह के लेंडर के जोखिम के बारे में डिटेल मांगा है, जिसके एक दिन बाद समूह ने अपनी प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस ले लिया. इस दौरान इसके शेयर की कीमतों में तेजी के साथ गिरावट दर्ज की गई. ध्यान दें कि भारत के सबसे बड़े लेंडर एसबीआई (SBI) ने कहा था कि अडानी समूह के लिए उसका एक्सपोजर नकदी पैदा करने वाली संपत्ति द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित है. सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य लेंडर बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने कहा है कि संकटग्रस्त समूह में उसका कुल निवेश 7,000 करोड़ रुपये है जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
इस बीच, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 3 फरवरी 2023 से अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) ढांचे के तहत अदानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अदानी पोर्ट्स (Adani Ports) और अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) नाम के तीन अडानी शेयरों को रखा है.
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Gautam Adani को एक और बड़ा झटका, अब अमीरों की Top 20 लिस्ट से भी हुए बाहर