डीएनए हिंदी: दुनिया भर में पिछले दो सालों से चिप संकट चल रहा है, जिस वजह से कई सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुए है. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटो सेक्टर के बाद अब इसकी चपेट में बैंकिंग सेक्टर भी आ गया है. सेमीकंडक्टर चिप शॉर्टेज की वजह से लाखों लोगों के डेबिट कार्ड अटके पड़े हैं. बैंकिंग सेक्टर के सूत्रों की मानें तो बैंक प्रधानमंत्री जन धन योजना के अकाउंट होल्डर्स को चिप शॉर्टेज की वजह से रूपे एटीएम या डेबिट कार्ड जारी करने में परेशानी महसूस कर रहे हैं. ोंकि प्रधानमंत्री जन धन योजना के खाता धारकों को कार्ड इश्यू नहीं हो पा रहे है. इस वजह से उन्हें बीमा कवरेज देने में कई तरह की अड़चनें आ रही है.
महंगे दामों में बेच रहे हैं चिप
चिप की सप्लाई ना होने के कारण दुनिया भर में कई प्रोडक्ट्स और प्रोडक्शन पर असर पड़ा है, इस वजह से चिप की किल्लत और मांग कई सेक्टर में है. इसी बढ़ती मांग की वजह से लोकल वेंडर्स ने भी चिप के भाव बढ़ा दिए हैं. बैंकों को जो लोग चिप सप्लाई करते है उनका बैंकों के साथ लंबी अवधि का करार होता है. लेकिन यूक्रेन युद्ध और चीन में कोरोना की वजह से सख्ती बढऩे की वजह से कई वेंडरों ने चिप के भाव बढ़ाए हैं और उन्हीं को चिप सप्लाई कर रहे हैं जो महंगे भाव पर चिप खरीद रहे है.
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आईबीए ने की जांच की मांग
बैंकों ने इस मामले में सरकार के आगे गुहार लगाई है, बैंकों ने इस मामले में सीसीआई पड़ताल की मांग की है. इसी सिलसिले में आईबीए यानी कि इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन ने सरकार से पिछले महीने मुलाक़ात की थी. सीसीआई का पड़ताल के बाद अगर चिप वेंडर दोषी पाए गए तो उन्हें मोटा जुर्माना लग सकता है. भारत में बेहतर सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए कोई इकोसिस्टम नहीं है. हालांकि, टाटा ग्रुप और वेदांता जैसी कंपनियों ने चिप सुविधाएं स्थापित करने में रुचि दिखाई है. सरकार को कुछ वैश्विक फर्मों से भी ब्याज मिला है.
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Banking Sector में चिप शॉर्टेज का असर, PMJDY अकाउंट होल्डर्स को नहीं मिल पा रहे एटीएम कार्ड