डीएनए हिंदी: सरकार ने मंगलवार को चालू फसल वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों का 400 रुपये रुपये बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जिसका उद्देश्य किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) की बैठक में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने का निर्णय लिया गया. 

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीसीईए ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) और 2023-24 विपणन सत्र के लिए छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है. इस फसल वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो 2021-22 फसल वर्ष में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था. विज्ञप्ति में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपये प्रति क्विंटल होने का अनुमान है. मसूर के एमएसपी में सबसे ज्यादा 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी देखी गई है. रेपसीड में 400 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.

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एमएसपी वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. वर्तमान में, सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर में शुरू होती है. गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं.

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किसानों को दिवाली तोहफा, सरकार ने किया गेहूं-सरसों की एमएसपी में इजाफा
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