डीएनए हिंदी: डिजिटल रुपया रोलआउट (Digital Rupee Rollout) भारत के डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन (India's Digital Transformation) में एक बड़ा कदम है. यह भारत में यह संभावित रूप से व्यापार को आसान करेगा. साथ ही संपूर्ण पेमेंट इंफ्रस्ट्रक्चर के लचीलेपन और सिक्योरिटी में सुधार लेकर आएगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि डिजिटल रुपया - रिटेल सेगमेंट में पहला पायलट एक महीने के भीतर चुनिंदा स्थानों पर लॉन्च करने की योजना है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि नौ बैंकों- भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी की पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए पहचान की गई है. 

डिजिटल रुपया पैसे का भविष्य क्यों है

1) सेंट्रलाइज्ड 
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) - केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी किया गया एक नया डिजिटल रूप - अधिक विश्वास, लचीलापन और दक्षता लाने के लिए हमें आवश्यक नया बुनियादी ढांचा हो सकता है. प्रोसेट्ज़ एक्सचेंज के फाउंडर और डायरेक्टर मनोज डालमिया ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि रुपया अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही वर्चुअल रूप में होगा, लेकिन डिजिटल रुपये का सेंट्रलाइजेशन नहीं किया जाएगा, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इसे रेगूलेट किया जाएगा. डिजिटल रुपया भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से कानूनी और स्वीकार्य होगा.

2) उपयोग में आसानी
जानकारों के अनुसार सीबीडीसी की प्रत्येक यूनिट यूनिकली आईडेंटिटीफाइड और ट्रेसेबल हो सकती है. दूसरा, इसे प्रोग्राम करने योग्य बनाया जा सकता है मतलब, प्रिस्क्राइब्ड एंड यूज, टाइम लिमिट और ट्रांसफेरेबिलिटी जैसे कई डायमेंशंस से जोड़ा जा सकता है. अंत में, CBDC को ब्लॉकचेन-आॅपरेटिड डिस्ट्रीब्यूटिड लेजर में दर्ज किया जाता है जो सभी पार्टिसिपेंट्स/ बैंकों को ट्रांजेक्शंस और बैलेंस अमाउंड को रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है. 

3) ग्लोबल एक्सेप्टेंस 
चालू और वित्तीय खाता लेनदेन के अंतर्राष्ट्रीयकरण के साथ अब कोई भौगोलिक सीमा नहीं होगी. डालमिया ने कहा कि डिजिटल रुपया जो एनआरआई के पास हो सकता है और सीमा पार वित्तीय लेनदेन करने के लिए उपलब्ध है, नई खुदरा भुगतान संभावनाओं और व्यावसायिक उपक्रमों को सक्षम करने के लिए एक स्वाभाविक विस्तार लगता है."

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4) ट्रांसपेरेंसी 
प्रणव अरोड़ा के अनुसार भारत में डिजिटल रुपये के लॉन्च से हमारी मुद्रा प्रबंधन प्रणाली में अधिक दक्षता, पारदर्शिता, प्रणालीगत लचीलापन और शासन की शुरुआत होने की उम्मीद है. RBI के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 से 2020 तक, भारतीय बैंकों को धोखाधड़ी से लगभग 50 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ. CVC की एक रिपोर्ट के अनुसार, धोखाधड़ी के शीर्ष 100 मामलों में से एक मुख्य कारण उधार दिए गए धन का अनुचित उपयोग है. जबकि वर्तमान प्रणाली सीए ऑडिट रिपोर्ट और स्टॉक स्टेटमेंट आदि जैसे पोस्ट-फैक्टो चेक पर निर्भर करती है, एक डिजिटल मुद्रा इन समस्याओं को स्थापित प्रोग्रामबिलिटी और विनियमित ट्रैसेबिलिटी के साथ सक्रिय रूप से संबोधित कर सकती है.

5) UPI के लिए किसी बैंक खाते की आवश्यकता नहीं है
जानकारों की मानें तो इस कदम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लेन-देन करने के लिए किसी को बैंक खाता खोलने की भी जरूरत नहीं है.

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6) डिजिटल करेंसी या रुपये के माध्यम से भुगतान रीयल-टाइम होगा
मैक्रो-इकोनॉमिक लेवल पर, डिजिटल रुपया अर्थव्यवस्था की स्थिति में वास्तविक समय की दृश्यता और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है और इस तरह, मौद्रिक नीति के अधिक सटीक निष्पादन को सक्षम कर सकता है.

7) बैंक नोटों की छपाई आदि लागत बचेगी 
डिजीटल करेंसी कैश नकदी की प्रिंटिंग, वितरण और रसद प्रबंधन में शामिल लागत को कम करेगी. इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम होगी, यह हमेशा के लिए मुद्रा नोटों के विपरीत मोबाइल में रहेगा. जानकारों के अनुसार  भारत की 17 फीसदी प्रोपेंसिटी, सकल घरेलू उत्पाद में कैश विड्रॉल रेश्यो, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे नॉर्डिक देशों की तुलना में अधिक है. डिजिटल भुगतान और डिजिटल मुद्रा में जाने से नकदी पर निर्भरता कम हो सकती है. 

8) सरकारें ऑथराइज्ड नेटवर्क के भीतर होने वाले सभी ट्रांजेक्शन तक पहुंच प्राप्त कर सकती हैं
डिजिटल रुपये को अपनाने से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की आसान निगरानी को सक्षम करने, उन्हें अपेक्षाकृत तेज़ बनाने और भुगतान प्रणाली में क्राइम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है. डिजिटल लेनदेन की दक्षता बढ़ाने से निश्चित रूप से डिजिटल गवर्नेंस में एक और आयाम जुड़ जाएगा.

9) ना तो क्षतिग्रस्त और ना ही खो सकता है 
डिजिटल करेंसी का फायदा यह है कि ये फटे, जले या फिजिकली क्षतिग्रस्त नहीं होते हैं. न ही उन्हें खोया जा सकता है. "एक डिजिटल करेंसी की लाइफलाइन फिजिकल नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी," उन्होंने कहा.

10) धोखाधड़ी
डिजिटल रुपया धोखाधड़ी को रोकने में मदद कर सकता है. मौजूदा सिस्टम धोखाधड़ी को रोकने के लिए पोस्ट-फैक्टो चेक पर निर्भर करती है, सीबीडीसी इसे एम्बेडेड प्रोग्रामेबिलिटी और विनियमित ट्रैसेबिलिटी के साथ सक्रिय रूप से संबोधित कर सकता है.

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Digital rupee can become future of Indian economy due to these 10 reasons 
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इन 10 कारणों की वजह से Digital Rupee बन सकता है Indian Economy का भविष्य 
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इन 10 कारणों की वजह से Digital Rupee बन सकता है Indian Economy का भविष्य