डीएनए हिंदी: हाल ही के वर्षों में देश में अमीर लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. आयकर विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में नए करोड़पतियों की संख्या में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है. सीबीडीटी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. केवल 3 वर्षों में, इन नए करोड़पति करदाताओं में से 57,591 लोग सालान 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले टैक्सपेयर्स के स्लैब में शामिल हो गए हैं.
कोविड-19 से पहले ऐसी थी स्थिति
देश में कोविड से पहले वित्त वर्ष 2019-20 में ऐसे करोड़पति करदाताओं की संख्या 1,11,939 थी. वहीं 2022-2023 में इनकी संख्या बढ़कर 1,69,890 हो गई. यह केवल तीन वर्षों में 51% की वृद्धि दर्शाता है. 2016-17 में इनमें से केवल 68,263 करदाता ही करोड़पति टैक्सपेयर्स के स्लैब में शामिल थे.
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केवल एक बार इन लोगों की संख्या में आई गिरावट
करोड़पति टैक्सपेयर्स के ये आंकड़े ऐसे समय में बढ़े हैं जब पिछले तीन साल से कोरोना महामारी का प्रभाव बाजार और कंपनियों पर हावी था. महामारी के कारण, देश को महीनों तक लॉकडाउन का सामना करना पड़ा, जिससे हजारों कारखाने बंद हो गए और श्रमिकों की बड़े पैमाने पर छंटनी हुई. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले करदाताओं की संख्या में केवल एक बार कमी आई थी, जो 2020-21 में हुई थी. उस वर्ष ऐसे करदाताओं की संख्या घटकर 81,653 हो गई थी.
इस वजह से बढ़े करोड़पति टैक्सपेयर
ऐसा माना जाता है कि करोड़पति करदाताओं के अनुपात में यह वृद्धि कई कारकों के कारण हुई है. कर पेशेवरों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में आय और करों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है. शेयर बाजार में तेजी, स्टार्ट-अप व्यवसायों के शुरू होने, उच्च वेतन वाली नौकरियों में उछाल और साइड जॉब्स जैसे कारकों के परिणामस्वरूप करोड़पति करदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
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आईटीआर फाइलिंग में हुई बढ़ोतरी
इस साल बिना लेट फीस के ITR दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई है. आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2023 थी. हालांकि, करदाता अभी भी रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और लेट फीस के साथ टैक्स का भुगतान कर रहे हैं. इस वर्ष आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की कुल संख्या में भी रिकॉर्ड दर से वृद्धि हुई है. ITR की लास्ट डेट से पहले 6.75 करोड़ से अधिक करदाताओं ने इनकम टैक्स रिटर्न जमा कर दिया था. आंकड़ों पर गौर फरमाए तो पिछली फाइलिंग अवधि की तुलना में इस साल एक करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
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