डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली के लोगों को महंगे कोयले (Coal Price Hike) का बोझ उठाना पड़ेगा. वास्तव में बिजली खरीद समायोजन शुल्क (PPAC) में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है. जिसका असर आम लोगों की जेब पर दिखाई देगा. बिजली 2 से 6 फीसदी तक महंगी (Delhi Electricity Rate Hike) हो गई है. भविष्य में आने वाले बिजली के बिल (Electricity Bill in Delhi) में यह इजाफा देखने को मिलेगा. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) के अनुमोदन के अनुसार, 11 जून, 2022 से पीपीएसी में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में 200 यूनिट बिजली फ्री में मिलती है. जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलती है.
इस वजह से बढ़ी पीपीएसी
बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के अधिकारियों के अनुसार, पीपीएसी फ्यूल की कीमतों में वृद्धि को संतुलित करने के लिए लगाया जाता है. पीपीएसी में वृद्धि केंद्रीय कोयला उत्पादन स्टेशनों द्वारा आयातित कोयले की बढ़ी हुई कीमतों, गैस की बढ़ी हुई कीमतों और बिजली एक्सचेंजों की उच्च कीमतों से आगे आई है, जो केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा कैप किए जाने से पहले लगभग 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गई थी.
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20 साल में 300 फीसदी बढ़ी लागत
अधिकारियों के अनुसार, 2002 के बाद से, दिल्ली डिस्कॉम के लिए बिजली खरीदने की लागत में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिस पर डिस्कॉम का कोई नियंत्रण नहीं है, जबकि इसी अवधि में खुदरा शुल्क में लगभग 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. डिस्कॉम के अनुसार, बिजली अधिनियम, डीईआरसी के अपने टैरिफ आदेश और बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) के आदेशों के तहत पीपीएसी की समय पर समीक्षा एक आवश्यकता है.
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क्या है पीपीएसी
केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग केंद्रीय सार्वजनिक सेवा बिजली उत्पादन कंपनियों जैसे राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), नेशनल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी) और ट्रांसमिशन कंपनियों को मासिक आधार पर पीपीएसी की समीक्षा करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, दिल्ली डिस्कॉम्स तिमाही आधार पर पीपीएसी की समीक्षा करती है. बिजली खरीद समायोजन शुल्क (पीपीएसी) एक अतिरिक्त शुल्क है जो उत्पादन कंपनियों को कोयले और गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण बाजार संचालित ईंधन लागत में बदलाव की भरपाई के लिए दिया जाता है.
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दिल्लीवासियों की जेब पर पड़ा कोयले की कीमत का भार, जानें कितनी महंगी हो गई बिजली