डीएनए हिंदीः फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है. देश के कुछ हिस्सों में आज यानी गुरुवार को जन्माष्टमी का त्योहार सेलिब्रेट (Janmashtami Celebration in India) हो रहा है. वहीं कई राज्यों में शुक्रवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. वैसे पूरे देश में सेलिब्रेट में होने वाले इस त्योहार से पहले ही अमुल और मदर डेयरी ने दूध के दाम में इजाफा (Amul-Mother Dairy Milk Price Hike) कर दिया है. 17 अगस्त से दोनों कंपनियों ने दूध के दाम में 2 रुपये प्रति प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. वैसे देश में एक जगह ऐसी भी है जहां देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले सबसे कम (Cheapest Milk in India) है. अगर मुकाबला देश की राजधानी दिल्ली से 16 रुपये सस्ता है. आइए आपको भी बताते हैं कि भारत में सबसे सस्ता दूध कहां मिल रहा है.
अमूल और मदर डेयरी के प्राइस रिवाइज्ड के बाद यह बताना काफी दिलचस्प है कि बैंगलोर भारत में सबसे सस्ती कीमत पर दूध उपलब्ध कराता है. अहमदाबाद में डबल टोंड इजाफे के बाद 44 रुपये प्रति लीटर है. बैंगलोर में लोग टोंड दूध के लिए 38 रुपये प्रति लीटर खर्च करते हैं. टोंड दूध के लिए बैंगलोर और दिल्ली-एनसीआरए मुंबई और कोलकाता जैसे अन्य शहरों के बीच प्रति लीटर मूल्य अंतर 14 रुपये है. हालांकि, चेन्नई में, राज्य के स्वामित्व वाला एविन दूध टोंड दूध 40 रुपये प्रति लीटर पर आता है.
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बैंगलोर में ‘नंदिनी‘ दूध ब्रांड इस कीमत पर बेचा जाता है. नंदिनी कर्नाटक सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ ‘केएमएफ का उत्पाद है. अमूल की तरह केएमएफ भी टोंड, डबल-टोन्ड, फुल-क्रीम दूध प्रोडक्ट बेचती है. केएमएफ के अनुसार, टोंड दूध की कीमत 38 रुपये प्रति लीटर है और कर्नाटक का सबसे अधिक बिकने वाला और सबसे पसंदीदा दूध है. न्यूनतम 3 फीसदी फैट और न्यूनतम 8.5 फीसदी एसएनएफ यानी सॉलिड-नॉट-फैट सामग्री के साथ पाश्चुराइज्ड टोंड दूध इस दूध को सभी उद्देश्यों और सभी जेनरेशन के लिए सबसे अच्छा ऑप्शंस बनाता है.
केएमएफ ने कहा कि केएमएफ कर्नाटक में डेयरी काॅपरेटिव मूवमेंट की अपेक्स बाॅडी है. यह देश में डेयरी सहकारी समितियों में दूसरी सबसे बड़ी डेयरी सहकारी समिति है. दक्षिण भारत में यह खरीद के साथ-साथ बिक्री के मामले में पहले स्थान पर है. केएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के 22,000 से अधिक गांवों से दूध खरीदा जाता है और 14,000 से अधिक दुग्ध सहकारी समितियां हैं. यह प्रति दिन 84 लाख किलोग्राम से अधिक दूध खरीदता है और प्रति दिन किसानों को 17 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करता है.
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केएमएफ की सफलता और इतनी सस्ती दर पर दूध उपलब्ध कराना 2008 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना के कारण है, जब उन्होंने केएमएफ की डेयरी यूनियनों को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों को 2 रुपये प्रति लीटर इंसेंटिव की घोषणा की थी. बाद की सरकारों ने इस योजना को जारी रखा. 2013 में, सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने प्रोत्साहन को दोगुना कर दिया और 2016 में बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया. बाद में, 2019 में सीएम येदियुरप्पा ने इसे बढ़ाकर 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया. अप्रैल में जारी स्टेटिस्टा सर्वे के अनुसार, दिसंबर 2021 में प्रति किलोग्राम दूध का राष्ट्रीय औसत खुदरा मूल्य 50 रुपये था. हालांकि, भारत भर के प्रमुख शहरों में प्रति किलो दूध की औसत खुदरा कीमतें राष्ट्रीय औसत से कम थीं.
टोंड, डबल टोंड, फुल क्रीम दूध में अंतर
पाश्चुराइज्ड टोंड दूध में न्यूनतम 3 फीसदी फैट और न्यूनतम 8.5 फीसदी एसएनएफ सामग्री होती है. केएमएफ के अनुसार, यह दूध इसे सभी उद्देश्यों और सभी पीढ़ियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प बनाता हैए और कर्नाटक में सबसे अधिक बेचा जाता है.
पाश्चुरीकृत डबल-टोंड दूध कम से कम 1.5 फैट और न्यूनतम 9 फीसदी एसएनएफ के साथ समरूप दूध है जबकि शुद्ध पाश्चुराइज्ड फुल क्रीम दूध में 6 फीसदी वसा और 9 फीसदी एसएनएफ होता है. इसके अलावा, शुद्ध पाश्चुराइज्ड स्टैंडर्ड दूध है जिसमें 4.5 फीसदी फैट और 8.5 फीसदी एसएनएफ होता है.
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Cheapest Milk in India: जन्माष्टमी के दौरान जान लीजिये भारत मे कहां मिल रहा है सबसे सस्ता दूध?