डीएनए हिंदी: पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी हर संभव प्रयास करने की कोशिश कर रही है. बुधवार को भले ही भाजपा RLD के लिए कुछ नरम दिखाई दी हो लेकिन जयंत चौधरी के तेवर बरकरार है.
गुरुवार को जब मीडिया ने जयंत चौधरी से चुनाव बाद भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, "बीजेपी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. दो दिन पहले बिहार और यूपी में छात्रों के खिलाफ पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया गया. ऐसे माहौल में वो ऐसा कैसे सोच सकते हैं कि कोई उनसे हाथ मिलाएगा?"
इससे पहले कल भाजपा नेताओं के बयान के जवाब ने जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा था, "न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!!"
बीजेपी की तरफ से क्या कहा गया
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) के पहले चरण के मतदान से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को साथ आने का न्योता दिया. हालांकि जयंत चौधरी ने लगे हाथ इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और साथ ही केंद्र व राज्य की सत्ताधरी पार्टी को विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर से अधिक समय तक चले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की याद दिलाई.
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थितियों को भाजपा के और अनुकूल बनाने के प्रयासों के तहत अमित शाह ने बुधवार को इलाके के जाट नेताओं से संवाद किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में रालोद के समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि जयंत चौधरी "गलत घर" में चले गए हैं.
दिल्ली से भाजपा के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने बैठक के बाद राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को भाजपा गठबंधन में आने का प्रस्ताव दे दिया और कहा कि भाजपा के दरवाजे उनके लिए खुले हैं. उन्होंने कहा, "यह बात तय है कि चुनाव बाद भाजपा की सरकार बनेगी. जयंत चौधरी ने एक अलग रास्ता चुना है. जाट समाज के लोग उनसे बात करेंगे, उन्हें समझाएंगे. चुनाव के बाद संभवनाएं हमेशा खुली रहती हैं. हमारा दरवाजा आपके लिए खुला है."
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आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय (Jaat Community) की भूमिका हमेशा अहम होती है और वह परिणामों को प्रभावित करने की ताकत रखता है. इस क्षेत्र में रालोद का खासा प्रभाव है. जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं जबकि उनके पिता दिवंगत अजीत सिंह भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं. इस बार के चुनाव में रालोद ने सपा से गठबंधन किया है.
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