डीएनए हिंदीः यूपी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) का सितारा विवादों के साथ ही चमका और विवादों के साथ डूबता नजर आ रहा है. बीजेपी ने इस बार लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से उनका टिकट काटकर ईडी से वीआरएस लेकर राजनीति में आए ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) को प्रत्याशी घोषित कर दिया. दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने स्वाति सिंह और उनकी बेटी को लेकर की गई विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ लोगों का जमकर गुस्सा फूटा. तब बीजेपी ने उन्हें सरोजनी नगर से प्रत्याशी बनाया था.
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चर्चा में रहा नाम
चुनाव में जीतने के बात स्वाति सिंह का नाम चर्चा में बना रहा है. बीयर द बार के उद्घाटन से लेकर सीओ के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल होने तक उनका नाम चर्चा में रहा. इस बाद भी विवाद ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. चुनाव से ठीक पहले टिकट को लेकर स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह खुलकर सामने आए गए. बीजेपी ने पहले दोनों को समझाने की कोशिश की लेकिन अंत में बीजेपी ने राजेश्वर सिंह को टिकट दे दिया.
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कौन हैं राजेश्वर सिंह?
राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (यूपीपीपीएस) से वर्ष 2007 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में प्रतिनियुक्ति पर गए थे. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली. ईडी में रहते हुए सिंह ने टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला जैसे कई मामलों की जांच की और सुर्खियों में बने रहे. लखनऊ में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रहते हुए भी राजेश्वर सिंह लोकप्रिय रहे.
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क्या विवादों में ही डूब गया मंत्री स्वाति सिंह का सितारा? जानें BJP ने क्यों नहीं दिया टिकट