डीएनए हिंदी: उत्तराखंड चुनाव में इस बार ज्यादातर ओपिनियन पोल और सर्वे में कांटे की टक्कर बताई जा रही है. इन सबके बीच एक सीट के नतीजों पर सबकी नजरें लगी रहने वाली हैं. यह सीट पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्वर सीट है. इस सीट से अब तक कभी कोई पुरुष विधायक नहीं बना है. आंकड़ों के हिसाब से इस सीट पर पुरुष मतदाताओं की संख्या ज्यादा है लेकिन जीत हमेशा महिला उम्मीदवार ने दर्ज की है.
पिछले चुनाव में पूर्व सीएम की बेटी को मिली थी जीत
यमकेश्वर सीट महिलाओं के लिए अब तक लकी साबित हुई है. 2017 विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के बेटी ऋतु खंडूरी ने बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था और वह जीतकर विधानसभा पहुंची थी. इससे पहले 2002 के पहले विधानसभा चुनाव से देखें तो 2012 तक तीन बार बीजेपी के टिकट पर विजया बर्थवाल ने जीत हासिल की थी. 2002 में उन्होंने कांग्रेस की सरोजिनी केंटुरा को 1227 वोट से हाराया था. वहीं कांग्रेस की रेणु विष्ट को 2841 वोट और 2012 में भी अच्छे वोट अंतर से हराया था.
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इस बार बीजेपी ने बदला उम्मीदवार
बीजेपी ने ऋतु खंडूरी को इस बार कोटद्वार से उम्मीदवार घोषित किया है. इसके बाद अब तक निर्दलीय चुनाव लड़कर नंबर दो पर रहने वाली रेनू बिष्ट को बीजेपी ने यमकेश्वर से प्रत्याशी घोषित किया है. इस बार रेनू के सामने 6 पुरुष उम्मीदवार भी हैं. अब तक यह सीट महिलाओं का गढ़ साबित हुई है. अब 10 मार्च को नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा कि इस सीट पर इस बार किसको जीत मिलती है.
2017 के चुनावों में 4 महिलाएं ही जीतीं
आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में महिलाएं चुनाव और मतदान में खूब उत्साह से हिस्सा लेती हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान 24 पहाड़ी सीटों में से 33 पर पुरुषों की ही जीत हुई है. उत्तराखंड में यमकेश्वर से ऋतु खंडूरी समेत सिर्फ 4 महिलाएं विधायक हैं. ग्राम सभाओं से लेकर राज्य की मुख्यधारा की राजनीति में इनकी भागीदारी कम है.
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