डीएनए हिंदीः देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं- नोएडा. दादरी और जेवर. इन तीनों ही सीटों पर अलग-अलग जाति के लोगों का प्रभाव है. नोएडा में सबसे ज्यादा तादाद ब्राह्मण वोटरों की है जबकि दादरी सीट गुर्जर बाहुल्य है. इसके ठीक उलट जेवर सीट पर राजपूत, गुर्जर और मुस्लिम वोटरों की करीब-करीब बराबर संख्या है.
पिछले चुनाव में तीनों सीटें जीती बीजेपी
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गौतमबुद्ध नगर की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. दादरी सीट पर तेजपाल सिंह नागर, जेवर सीट पर धीरेंद्र सिंह और नोएडा पर पंकज सिंह ने जीत दर्ज की थी. तीनों को भाजपा ने इस बार भी चुनाव मैदान में उतारा है.
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गौतमबुद्ध नगर में इस बार सम्राट मिहिर भोज की जाति से संबंधित विवाद और किसान आंदोलन की वजह से दादरी व जेवर सीट पर भाजपा को गुर्जर वोटरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि भाजपा का दावा है कि विपक्षी नेता इन मुद्दों को हवा देना चाहते हैं लेकिन जमीन पर इनका प्रभाव बिलकुल नहीं है.
दादरी विधानसभा सीट पर गुर्जरों में मुकाबला
साल 2012 में दादरी विधानसभा सीट पर बसपा के सतवीर सिंह गुर्जर 81,137 वोटों के साथ विधायक चुने गए थे जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा के नवाब सिंह रहे थे जिन्हें 43,840 मिले थे. 2017 में दादरी सीट पर भाजपा के तेजपाल सिंह नागर ने 1,41,226 वोटों के साथ जीत हासिल की. उन्होंने बसपा के सतवीर गुर्जर को हराया था, जिन्होंने 61,049 वोट हासिल किए थे.
दादरी विधानसभा सीट पर भाजपा 3 और बसपा 2 बार जीत हासिल कर चुकी है. दादरी विधानसभा सीट गुर्जर बाहुल्य है, यही वजह है कि चुनाव में यहां हर पार्टी गुर्जर जाति से आने वाले प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारती है.
नोएडा सीट पर भाजपा सबसे मजबूत
नोएडा विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जाता है. साल 2012 में इस सीट पर भाजपा (BJP) के महेश कुमार शर्मा ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बसपा के ओम दत्त शर्मा को हराया था. 2014 में महेश शर्मा के सांसद बनने के बाद भाजपा की विमला बाथम इस सीट से विधायक चुनी गईं. इसके बाद साल 2017 में राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह इस सीट से विधायक बने.
जेवर में 15 साल बाद खिला कमल
जेवर विधानसभा सीट पर भाजपा ने 1991, 1993, 1996 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा ने 2002, 2007 और 2012 के चुनावों में जीत हासिल की थी. 2017 के चुनाव में भाजपा ने 15 साल बाद इस सीट पर वापसी की थी. भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने 1,02,979 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. उन्होंने बसपा के वेदराम भाटी को इस चुनाव में हराया था. इसबार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. रालोद के टिकट पर इस सीट से अवतार भड़ाना (Avtar Bhadana) किस्मत आजमा रहे हैं.
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