डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश चुनाव में एक तरफ जहां टिकट न मिलने पर या टिकट कटने पर बहुत से नेता नाराज होकर अपनी पार्टी छोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ कई नेता ऐसा भी हैं, जिनपर उनकी पार्टी द्वारा लगातार भरोसा जताया जा रहा है. ऐसे ही एक नेता हैं सुरेश खन्ना, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने फिर से शाहजहांपुर से चुनाव मैदान में उतारा है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना इस बार रिकॉर्ड बनाने के लिए चुनाव मैदान में हैं. खन्ना लगातार 9वीं बार अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. सुरेश खन्ना साल 1989 से लगातार अपनी सीट जीत रहे हैं. उन्होंने भाजपा सरकारों में कई विभागों को संभाला है और वर्तमान में वह योगी आदित्यनाथ सरकार में संसदीय कार्य मंत्री हैं.
विधानसभा में खन्ना की जाति के सिर्फ 1 फीसदी वोट
सुरेश खन्ना खत्री समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें क्षेत्र की केवल 1 प्रतिशत आबादी है. अगर वह इस बार अपनी सीट जीतते हैं, तो वह अमेठी जिले के जगदीशपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के राम सेवक के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे, जिन्होंने लगातार नौ बार जीत हासिल की है.
1980 में लड़ा पहला चुनाव
67 वर्षीय खन्ना ने 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान राजनीति में कदम रखा. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. उन्होंने 1980 में शाहजहांपुर से लोक दल के उम्मीदवार के रूप में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस (Congress) उम्मीदवार नवाब सादिक अली खान से हार गए.
1989 में मिली पहली जीत
हार से निराश न होकर, सुरेश खन्ना ने शाहजहांपुर में काम करना जारी रखा और 1985 में, भाजपा (BJP) ने उन्हें विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का टिकट दिया. इस बार उन्हें कांग्रेस के नवाब सिकंदर अली खान ने लगभग 4,000 मतों के अंतर से हराया. हालांकि साल 1989 में उनका भाग्य बदला और उन्होंने नवाब सिकंदर अली को हरा दिया.
खन्ना की विधानसभा में 37 फीसदी मुस्लिम मतदाता
1989 में मिली पहली जीत के बाद सुरेश खन्ना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद सुरेश खन्ना लगातार चुनाव जीतते रहे. दिलचस्प बात यह है कि शाहजहांपुर सीट में लगभग 37 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं और 1952 से 1989 तक, यह सीट ज्यादातर मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीती थी. सिर्फ 1969 में यहां भारतीय जनसंघ के उमा शंकर शुक्ला चुने गए थे.
पढ़ें- UP Elections: क्या है अखिलेश की नई रणनीति? इस बार कुनबे के लोगों को क्यों नहीं दे रहे टिकट
पढ़ें- Padrauna Election: बीजेपी में RPN Singh के आने से टेंशन में स्वामी प्रसाद मौर्य? क्या होगा परिणाम
- Log in to post comments