डीएनए हिंदी: दो धड़ों में बिखरा मुलायम सिंह यादव का कुनबा अगले उत्तर प्रदेश चुनाव में एक मंच पर नजर आएगा. दरअसल अखिलेश यादव ने अपना चाचा शिवपाल यादव की पार्टी के साथ गठबंधन करने की बात कही है. अखिलेश आज दोपहर अपने चाचा शिवपाल के लखनऊ स्थित आवास पर उनसे मुलाकात के लिए गए थे.
शिवपाल और अखिलेश की मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली और उसके बाद अखिलेश निकल गए. यह भी बताया जा रहा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहले से ही शिवपाल के आवास पर मौजूद थे.
इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी कि समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बात बन गई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है."
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
कई बार सपा से गठबंधन की बात कह चुके हैं शिवपाल
मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह कई अवसरों पर समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा खुलेआम जाहिर कर चुके हैं. हालांकि उन्हें ये मलाल था कि अखिलेश ने उनके इतना झुकने पर जरा भी तवज्जो नहीं दी. हालांकि पिछले कुछ दिनों से चाचा शिवपाल को लेकर अखिलेश यादव के रुख बदले हुए हैं.
पिछले दिन अखिलेश यादव ने झांसी में समाजवादी पार्टी के एक रैली ने दौरान अपने चाचा की तारीफ की. उन्होंने शिवपाल का नाम लिए बिना उनकी तारीफ करते हुए भाजपा पर हमला बोला. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री से हमारे चाचा के काम के उद्धघाटन का फिर से उद्घाटन करवा रही है.
2016 में शुरू हुई थी वर्चस्व की लड़ाई
साल 2016 के अंत में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा कैबिनेट मंत्री शिवपाल के बीच सत्ता और संगठन पर वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी और विधानसभा चुनाव से ऐन पहले एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा अध्यक्ष बना दिया गया था.
शिवपाल ने किया PSP का गठन
बाद में शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था. हालांकि शिवपाल शुरू से ही सभी समाजवादियों के एकजुट होने की पैरवी कर रहे थे और उन्होंने सपा से गठबंधन का संदेश भी कई बार पहुंचाया था. अखिलेश ने भी विभिन्न मौकों पर कहा कि वह सरकार बनने पर चाचा और उनके सहयोगियों का पूरा सम्मान रखेंगे.
खिलेगा तो कमल ही- केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल और अखिलेश की इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया, "साल 2022 में एक बार फिर 300 से अधिक सीटें जीतकर भाजपा की सुशासन वाली सरकार बनने जा रही है. चाचा भतीजे मिलें, चाहे बुआ भतीजे मिलें, चाहे कांग्रेस और सपा मिलें या फिर सारे मिल जाए तब भी खिलना तो कमल ही है."
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