डीएनए हिंदी : Punjab Elections 2022 को लेकर एक तरफ जहां सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी हुईं हैं तो वहीं पिछले एक साल से किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पंजाब के कई किसान नेता भी चुनाव में उतरने की कोशिश में हैं. वहीं इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और कहा है कि वो चुनाव में किसी का प्रचार नहीं करेंगे, साथ ही भविष्य में अपनी रणनीति के खुलासा करेंगे.
मोर्चे से नहीं है ताल्लुक
Punjab Elections 2022 में लड़ने की तैयारी कर रहे किसान नेताओं को लेकर किसान आंदोलन के नेतृत्वकर्ता राकेश टिकैत ने कहा, " यह पंजाब के किसान नेताओं का निजी फैसला है. इससे संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है और वह पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं के लिए प्रचार करने नहीं जाएंगे."
नहीं लड़ेंगे कोई चुनाव
वहीं विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि न तो वो चुनाव लड़ेंगे और न ही कोई पार्टी बनाएंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा. राकेश टिकैत ने विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद वो आगे का खुलासा करेंगे.
क्या बिखर गया किसानों का मोर्चा
गौरतलब है कि एक साल से ज्यादा समय तक किसान आंदोलन की ताकत के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा और तीन कृषि कानून वापस ले लिए गए. इसके विपरीत Punjab Elections 2022 के राजनीतिक समर में अपने ही नेताओं का समर्थन न कर संयुक्त किसान मोर्चा और राकेश टिकैत ये संकेत देने लगे हैं कि राजनीति से जुड़े मुद्दो पर ये किसानों का मजबूत गुट बिखरने लगा है.
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