डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गई हैं. अपर्णा यादव ने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद (Keshav Prasad Maurya) की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली है. अपर्णा यादव के इस कदम को समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में अब अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
जब भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दिया था तब से ही बीजेपी नेताओं के संपर्क में अपर्णा यादव बनी हुई थीं. अब अपर्णा यादव ने भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है. यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने बिना किसी पूर्व शर्त के बीजेपी की सदस्यता ली है. मुलायम सिंह यादव के कुनबे में जारी विवाद अब और बढ़ सकता है.
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BJP का डैमेज कंट्रोल गेम!
बीजेपी का साथ एक के बाद एक लगातार 3 मंत्रियों ने छोड़ दिया. स्वामी प्रसाद मौर्या, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने सपा का हाथ थाम लिया. 10 से ज्यादा विधायक भी अपना राजनीतिक भविष्य सपा में तलाशने लगे. ऐसे में अब बीजेपी नेताओं ने सपा नेता अपर्णा यादव को बीजेपी में लाकर एक बड़ा दांव चला है. यह संदेश भी दे दिया कि सिर्फ अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ही नहीं, मुलायम कुनबे में कलह कई स्तर पर है. विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है.
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अपर्णा यादव ने साल 2017 में लखनऊ की कैंट सीट से विधान सभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें बीजेपी प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से करारी हार मिली थी. खुद अखिलेश यादव भी चुनाव प्रचार में उतरे थे. प्रचंड बीजेपी लहर में यह सीट अपर्णा हार गईं थीं. प्रयागराज से बीजेपी की लोकसभा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने मंगलवार को इस्तीफा देने की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनके बेटे मयंक जोशी को लखनऊ कैंट से टिकट देने के लिए तैयार है. इस सीट के लिए मयंक जोशी भी कोशिश कर रहे हैं. अपर्णा यादव की भी यही इच्छा है कि उन्हें इसी सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिले. अगर यहां मयंक जोशी की जगह बीजेपी को सीट मिल जाती है तो रीता बहुगुणा जोशी नाराज भी हो सकती हैं.
क्या बढ़ेंगी अखिलेश यादव की चुनौतियां?
पारिवारिक कलह का फायदा सियासत में विपक्षी पार्टियां उठाती हैं. मई 2016 के आसपास पहली बार अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कलह खुलकर सामने आई थी. दोनों नेताओं के बीच किसी भी तरह से बातचीत नहीं बनी. सियासी तकरार बढ़ती रही. 2017 के विधानसभा चुनावों में इसका खामियाजा सपा को व्यापक तौर पर भुगतना पड़ा. अब एक बार फिर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच रिश्ते सामान्य हुए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि यही वजह थी कि सपा महज 49 सीटों पर सिमट गई और बीजेपी ने 303 सीटें हासिल कीं. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस सियासी फूट का फायदा विपक्षी पार्टियां कितना उठाने में कामयाब होती हैं.
क्या बोले सीएम योगी?
सीएम योगी ने अपर्णा यादव का अपना पार्टी में स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अपर्णा जी आपका बीजेपी परिवार में स्वागत है. वहीं दूसरे नेताओं ने भी अपर्णा का बीजेपी में स्वागत किया है. क्या बोले सीएम योगी?
समाजवादी पार्टी के संरक्षक श्री मुलायम सिंह यादव जी की पुत्रवधू श्रीमती अपर्णा यादव जी का परिवारवाद के दलदल से निकल कर राष्ट्रवाद के पथ पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी में स्वागत है. अच्छे लोग अपने लिये सही रास्ता खोज ही लेते हैं। pic.twitter.com/LPJrqm7fYp
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 19, 2022
क्या बोले केशव प्रसाद मौर्य?
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव जी की पुत्रवधू श्रीमती अपर्णा यादव जी का परिवारवाद के दलदल से निकल कर राष्ट्रवाद के पथ पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी में स्वागत है. अच्छे लोग अपने लिये सही रास्ता खोज ही लेते हैं.
कौन हैं Aparna Yadav?
अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. सपा अध्यक्ष अपर्णा अखिलेश यादव की अनुज वधू हैं. अपर्णा का जन्म 1 जनवरी 1990 को हुआ था. उनके पिता अरविंद सिंह बिष्ट एक पत्रकार रहे हैं. उनके पिता को सपा की सरकार में सूचना आयुक्त बनाया गया था. वहीं, उनकी मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं.
कब हुई थी अपर्णा-प्रतीक की शादी?
अपर्णा यादव और प्रतीक यादव एक-दूसरे के बचपन से दोस्त हैं. लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से अपर्णा की शुरुआती पढ़ाई हुई है. ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन एंड पॉलिटिक्स में अपर्णा ने मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. अपर्णा और प्रतीक की सगाई 2010 में हुई थी. दोनों की शादी दिसंबर 2011 में मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई में हुई. दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम प्रथमा है.
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Mulayam की बहू Aparna Yadav हुईं BJP में शामिल, क्या बढ़ाएंगी Akhilesh की मुश्किलें?