डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सियासी दलों में गिने जाने वाले नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने भले ही जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की सिफारिशें प्रस्ताव पसंद न आई हों लेकिन राज्य के गुज्जर-बकरवाल समुदाय ने इनका स्वागत किया हैं. जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, राज्य में नौ विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया है.
प्रसिद्ध ट्राइबल रिसर्चर और ट्राइबल रिसर्च एंड कल्चरल फाउंडेशन के संस्थापक सचिव जावेद राही ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आदिवासियों (ST) के लिए नौ सीटों को रिजर्व किए जाने की परिसीमन आयोग की सिफारिश आदिवासी विकास की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगी. उन्होंने कहा कि 30 साल के इंतजार के बाद जो कदम उठाया गया है, उसका गुर्जर और बक्करवाल दिल से स्वागत करते हैं.
J&K के लिए क्या है परिसीमन आयोगी की सिफारिश
परिसीमन आयोग ने J&K में 16 सीटें SC/ST के लिए रिजर्व करने की सिफारिश की है. आयोग ने सिफारिशों में जम्मू क्षेत्र में छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर घाटी में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. कश्मीर संभाग में फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने जताई आपत्ति
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि वो परिसीमन आयोग की मौजूदा मसौदा रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करेगी. पार्टी के एक प्रवक्ता ने आयोग द्वारा जम्मू के लिए छह अतिरिक्त विधानसभा सीटें और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट प्रस्तावित किए जाने के बाद यह घोषणा की. वहीं पीडीपी ने ने भी आयोग की मसौदा सिफारिशों का कड़ा विरोध किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि यह बहुत निराशाजनक है कि आयोग ने आंकड़ों के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को अपनी सिफारिशों को निर्देशित करने की अनुमति दी.
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