डीएनए हिंदी: केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग द्वारा अपने ‘पेपर-1’ में Jammu क्षेत्र में 6 अतिरिक्त सीट और Kashmir घाटी में 1 सीट का प्रस्ताव रखे जाने की जानकारी मिली है. इसे लेकर आयोग के पांच सहयोगी सदस्यों से सोमवार को विचार-विमर्श किया गया.
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों (SC) के लिए 9 सीट और अनुसूचित जाति (SC) के लिए 7 सीट का प्रस्ताव रखा गया है. जम्मू-कश्मीर में ऐसा पहली बार है, जब एसटी के लिए सीट का प्रस्ताव रखा गया है.
आयोग की बैठक में उसके सहयोगी सदस्यों-जम्मू-कश्मीर से पांच लोकसभा सदस्यों ने भाग लिया. उनसे इस महीने के अंत में प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला बैठक में मौजूद नेताओं में शामिल थे. परिसीमन आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा पैनल के पदेन सदस्य हैं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जताई आपत्ति
इस प्रस्ताव पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आपत्ति जताई है और आयोग पर आरोप लगाया कि वह ‘‘भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफारिशों को निर्देशित करने’’ की अनुमति दे रहा है. पीडीपी ने भी आयोग की मसौदा सिफारिशों का कड़ा विरोध किया है. कश्मीर संभाग में फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं.
सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दलों से सीट संख्या में प्रस्तावित वृद्धि पर 31 दिसंबर तक अपने विचार प्रस्तुत करने को कहा गया है. पांच दलों वाले गुपकर गठबंधन (पीएजीडी)के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने बैठक के बाद कहा कि वह समूह के साथ-साथ अपनी पार्टी के सहयोगियों को आयोग के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी देंगे. अब्दुल्ला ने कहा, "हम पहली बार बैठक में शामिल हुए क्योंकि हम चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज सुनी जाए. बैठक सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई और हम सभी को निष्कर्ष पर पहुंचने के वास्ते अपनाए गए तरीके के बारे में बताया गया." (इनपुट- भाषा)
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