डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश चुनाव (Uttar Pradesh Chunav) में इसबार भाजपा के टिकट के लिए हर सीट पर लंबी लाइन लगी हुई है. हर सीट पर सबसे मजूबत उम्मीदवार के चयन में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जमकर माथापच्ची भी कर रहा है. लेकिन राज्य की राजधानी लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर भाजपा के सामने विकट समस्या है.
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लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर न सिर्फ बड़ी संख्या में भाजपा के नेता टिकट मांग रहे हैं बल्कि उम्मीदवारों में पति-पत्नी का एक जोड़ा भी शामिल है, जो सबसे मजबूत प्रत्याशियों में से एक है. पत्नी योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री स्वाति सिंह हैं और उनके पति दया शंकर सिंह, भाजपा की राज्य इकाई में उपाध्यक्ष हैं. स्वाति सिंह सरोजिनी नगर से मौजूदा विधायक हैं और दूसरे कार्यकाल के लिए टिकट पाने की इच्छुक हैं.
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स्वाति का राजनीति में प्रवेश एक तरह से 'आकस्मिक' था. उनके पति दया शंकर सिंह जुलाई 2016 में तब विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने बसपा अध्यक्ष मायावती के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी. बसपा ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया और भाजपा बचाव की मुद्रा में चली गई. दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया.
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हालांकि, हफ्तों बाद, भाजपा ने दया शंकर की पत्नी स्वाति सिंह को अपनी महिला शाखा के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया. स्वाति सिंह, तब तक राजनीति में पूरी तरह से नौसिखिया थीं. उन्होंने सरोजिनी नगर से 2017 का चुनाव (Chunav) जीता. वह योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री बनीं. मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल विवादों में रहा है - उनमें से एक मंत्री बनने के तुरंत बाद एक बियर बार का उद्घाटन करना है.
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इस बीच, दया शंकर सिंह का निष्कासन चुपचाप रद्द कर दिया गया और उन्हें फरवरी 2018 में राज्य इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. जब टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो दया शंकर सिंह ने कहा, "विवाद के कारण मुझे पिछली बार टिकट नहीं मिला था लेकिन मेरी टीम ने स्वाति की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी. इस बार मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं लेकिन यह पार्टी पर निर्भर है."
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दूसरी ओर, स्वाति सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने बताया कि पति-पत्नी दोनों पार्टी में अलग-अलग नेताओं के जरिए अपने टिकट की पैरवी कर रहे हैं. (Input- IANS Hindi)
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