डीएनए हिंदी: गोरखपुर सदर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. इस सीट से खुद सूबे में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किस्मत आजमा रहे हैं. गोरखपुर सदर सीट पर भाजपा का साल 1989 से कब्जा है.
2002 से विधायक है राधा मोहन दास अग्रवाल
गोरखपुर सदर सीट पर राधा मोहन दास अग्रवाल साल 2002 से विधायक हैं. उन्होंने 2002 के चुनाव में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पहली बार जीत दर्ज की थी. कहा जाता है कि इस चुनाव में राधा मोहन दास को योगी आदित्यनाथ का समर्थन हासिल था.
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राधा मोहन दास ने यहां भाजपा के तब के विधायक शिव प्रताप शुक्ला को मात दी थी. शिव प्रताप शुक्ला 1989, 1991, 1993 और 1996 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. उन्हें साल 2002 में हार का सामना करना पड़ा. शिव प्रताप शुक्ला को हराने के बाद राधा मोहन दास अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गए थे.
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क्या रहा 2017 का चुनाव परिणाम
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
राधा मोहन दास अग्रवाल (विजेता) | भाजपा | 1,22,221 |
राणा राहुल सिंह | कांग्रेस | 61,491 |
जनार्दन चौधरी | बीएसपी | 24,297 |
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योगी को कौन-कौन दे रहा चुनौती
योगी आदित्यनाथ को चुनौती देने वालों में कई नाम हैं लेकिन सबसे बड़ा नाम है भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का और दूसरा बड़ा नाम है गोरखपुर में भाजपा का दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय शिव प्रताप शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला का.शुभावती सपा के टिकट पर किस्मत आजमा रही हैं. यह उनका पहला चुनाव है. इसके अलावा बसपा के ख्वाजा शमसुद्दीन, आम आदमी पार्टी के विजय कुमार श्रीवास्तव भी चुनावी रण में हैं.
एक नजर जातीय समीकरण पर
गोरखपुर सदर सीट पर साढ़े चार लाख मतदाता है. इन मतदाताओं में सबसे ज्यादा संख्या कायस्थ मतदाताओं की बताई जाती है. गोरखपुर सदर में 90 हजार कायस्थ, 50 हजार ब्राहम्ण, 25 हजार क्षत्रिय, 50 हजार बनिया और 25 हजार मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं. हालांकि इस सीट पर भाजपा समीकरण हर हाल में साध लेती है. पिछले चुनाव में यहां राधा मोहन दास अग्रवाल 60 हजार वोटों से जीते थे.
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