डीएनए हिंदीः फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की अहम सीट है, जिसपर सालों से 'जाटों' का कब्जा चलता आ रहा है. यह शहर ऐतिहासिक इमारतों और बुलंद दरवाजे के लिए प्रसिद्ध है. 2017 में यहां से भाजपा के चौधरी उदयभान सिंह ने विजय की थी. इस सीट के लिए सबसे पहले 1957 में चुनाव हुए थे जिसमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार स्वामी विश्वेश्वरानंद ने जीते हासिल की थी.
जानिए पिछले चुनाव के परिणाम
2017 के विधानसभा चुनाव (Elections) में इस सीट से भाजपा के चौधरी उदयभान सिंह ने 1,08,586 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. उन्होंने बसपा के सूरज पाल सिंह को हराया था जिन्हें 56,249 वोट प्राप्त हुए थे. रालोद इस सीट पर 38,307 वोटों के साथ तीसरे और सपा 21,884 वोटों के साथ चौथे नबंर पर रही थी.
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
चौधरी उदयभान सिंह | भाजपा | 1,08,686 |
सुरज पाल सिंह | बसपा | 56,249 |
ब्रजेश कुमार चाहर | रालोद | 38,307 |
साल 2012 के चुनावों में इस सीट पर बसपा के सूरजपाल सिंह ने 67,191 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. उन्होंने दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस पार्टी के राजकुमार चाहर को हराया था जिन्हें 61,568 वोट प्राप्त हुए थे. 2007 में भी इस सीट पर बसपा विजेता बनकर उभरी थी.
क्या कहते हैं जातीय समीकरण
फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट पर सालों से जाटों का दबदबा चल रहा है. सीट पर कुल वोटरों की संख्या 3.38 लाख है जिनमें से 1.12 लाख जाट मतदाता हैं. जबकि दलित वोटरों की संख्या 60 हजार, क्षत्रिय 50 हजार, ब्राह्मण 45 हजार और मुस्लिम वोटर करीब 30 हजार तक हैं.
जानिए कौन है उम्मीदवार
इस बार के चुनावों के लिए भाजपा ने चौधरी लाल बाबू को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस की तरफ से हेमंत चाहर लड़ेंगे. वहीं रालोद से बृजेश चाहर को प्रत्याशी बनाया है. इस साल इस सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार को जीत नसीब होगी इसके लिए चुनाव परिणामों का इंतजार करना होगा.
पढ़ें- कौन है कितना अमीर? Punjab के नेताओंं की सम्पत्ति का लेखा-जोखा!
पढ़ें- Punjab Election 2022: अकालियों और कांग्रेस के बीच कादियां सीट पर होगी कांटे की टक्कर
- Log in to post comments

Image Credit- DNA