डीएनए हिंदी: ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस को लेकर बगावती G-23 नेताओं की आक्रामकता की सबसे बड़ी वजह पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव है. हालांकि इसको लेकर अब पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने ये कह दिया है कि पार्टी के सारे निर्णय वो स्वयं ले रही हैं. वहीं खास बात ये है कि पार्टी के अंदरूनी हलकों में पुनः राहुल गांधी को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की प्लानिंग शुरु हो चुकी है किन्तु इसमें एक बड़ी अड़चन UP Elections 2022 है.
प्रियंका गांधी कर रही हैं नेतृत्व
UP Elections 2022 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सारी जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को दे रखी है. प्रियंका राज्य में पार्टी का संगठन मजूबत करने के प्रयास कर रही हैं किन्तु ओपिनियन पोल्स के आंकड़े आए दिन ये दर्शा रहे हैं कि कांग्रेस की लड़ाई अभी भी नंबर तीन के लिए है और उसका मुकाबला बसपा से ही दिखता है. वहीं पार्टी का राहुल के लिए मुख्य विजन 2024 का लोकसभा चुनाव है.
राहुल की छवि हो सकती है खराब
पार्टी ओपिनियन पोल्स से ये समझ रही है कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन कुछ खास होने की संभावनाएं नहीं हैं. ऐसे में यदि UP Elections 2022 के पहले राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है और पार्टी का प्रदर्शन गिरता है तो उसके लिए एक बार फिर राहुल को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. राहुल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ममता बनर्जी के कद में लाने में कांग्रेस को परेशानी हो सकती है. वहीं इसमें एक पहलू प्रियंका गांधी का भी हो सकता है.
प्रियंका का प्रदर्शन होगा महत्वपूर्ण
UP Elections 2022 में प्रियंका गांधी वाड्रा जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं. ऐसे में यदि इस स्थिति में पार्टी की स्थिति पिछले चुनावों से जरा-सी भी सुधरती है तो इसका सीधा क्रेडिट प्रियंका के हिस्से जाएगा. ऐसी स्थिति में पार्टी उन्हें भी 2024 के लिए रिजर्व करके रखना चाहती है.
संभवतः यही कारण है कि UP Elections 2022 से पहले पार्टी अपने भावी राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने की जल्दबाज़ी नहीं दिखा रही है क्योंकि ये चुनाव पार्टी के लिए 2024 के लिहाज से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है.
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