डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Election 2022) के तीन चरणों के मतदान हो चुके हैं. अभी तक कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) से लेकर प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर जमकर हमला बोला. प्रियंका ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ मुखरता नहीं दिखाई थी लेकिन अब पहली बार प्रियंका ने अखिलेश और मायावती पर तीखा राजनीतिक हमला होला है और उन्हें ट्विटर (Twitter) की राजनीति करने वाले नेता बताया है.
आराम पसंद हैं दोनों नेता
तीन चरणों के मतदान के बाद पहली बार प्रियंका ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मायावती (Mayawati) को निशाने पर लिया है क्योंकि अभी तक विपक्ष के ये सभी नेता एक दूसरे पर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे थे और सभी के साझा निशाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditiyanath) रहते थे लेकिन अब प्रियंका गांधी वाड्रा ने माया अखिलेश पर हमला बोलते हुए इन्हें आराम पसंद नेता बताया है. प्रियंका ने मायावती और अखिलेश से जुड़े सवालों पर एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा कि ये दोनों नेता पिछले चार सालों तक गायब थे.
Twitter से नहीं होती राजनीति
अखिलेश और मायावती पर सीधा हमला बोलते हुए प्रियंका ने कहा, “अखिलेश सालों से कहीं नहीं दिखे. चुनाव के कुछ महीने पहले ही वह दिखने शुरू हुए हैं. घर बैठकर ट्वीट के जरिए राजनीति नहीं की जा सकती. मायावती भी यही करती हैं. यह तंत्र आपकी राजनीति को ज्यादा दिन तक टिका कर नहीं रख सकता तो कोई बढ़ेगा. यह कांग्रेस भी हो सकती है.”
प्रियंका ने इस दौरान किसानों से लेकर महिलाओं के साथ हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “पिछले कुछ सालों में कहां थे ये दोनों नेता? जब हाथरस में दलित लड़की के साथ बलात्कार हुआ और उसकी हत्या की गई थी या जब किसानों को कारों के नीचे कुचल दिया गया था, तब अखिलेश और मायावती कहां थे?" प्रियंका ने सीधे तौर पर यह दिखाने की कोशिश की है कि अखिलेश और मायावती जनता से पूरी तरह से कटे हुए थे जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है.
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प्रियंका का रणनीतिक बदलाव
प्रियंका गांधी के अखिलेश और मायावती पर दिए गए बयानों को एक रणनीतिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, कांग्रेस ने पिछले चुनावों में सपा से गठबंधन किया था. वहीं बसपा ने 2019 में सपा से गठबंधन किया था. ऐसे में जनता में एक पूर्वाग्रह यह भी है कि कांग्रेस चुनावों के बाद सपा या बसपा जैसे दलों से गठबंधन भी कर सकती है इसलिए अपने इस हमले के जरिए प्रियंका यह दिखाने की कोशिश कर रही हैं वो अपने दम पर कांग्रेस को संगठित कर रही हैं.
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