डीएनए हिंदी: आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात के एक दिन बाद ही अपने तेवर बदल लिए हैं. उन्होंने अखिलेश यादव पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैं तो समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जा रहा हूं. अखिलेश यादव को भी दलित नेताओं की जरूरत नहीं सिर्फ दलित वोट की जरूरत है. यह साफ हो गया कि उनका व्यवहार भी भारतीय जनता पार्टी जैसा ही है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझते है.
आजाद समाज पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अखिलेश यादव सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझते हैं. अखिलेश ने दलितों का अपमान किया है.
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Akhilesh Yadav को दलित वोट चाहिए, नेता नहीं
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सत्ता में नहीं आने देंगे. अखिलेश यादव को भी दलित नेताओं की जरूरत नहीं सिर्फ दलित वोट की जरूरत है. यह साफ हो गया कि उनका व्यवहार भी बीजेपी जैसा ही है. चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश को दलित विरोधी बताया और कहा कि हम समाजवादी के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं.
'अखिलेश को दलितों की जरूरत नहीं'
चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं. इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है. वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते. वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें.
'मुझे विधायक नहीं बनना, चाहिए सामाजिक न्याय'
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वे नौ साल से बहुजन समाज को इकट्ठा कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य भाजपा को रोकना है. मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस रोकने की कोशिश की गई. अखिलेश यादव शायद गठबंधन नहीं चाहते हैं. मुझे अखिलेश यादव ने अपमानित किया. अखिलेश यादव ने शाम तक बताने को कहा था लेकिन कुछ नहीं बताया. हम जेल गए, मेरी लड़ाई विधायक बनने की नहीं है. मुझे सामाजिक न्याय चाहिए.
चंद्रशेखर ने कहा कि अभी अखिलेश जी वोट लेकर सत्ता में आ जाते हैं तो आगे की स्थिति पर अभी चर्चा होनी जरूरी थी. बुद्धिजीवियों ने हमें चेताया कि सत्ता में आने के बाद कहीं दलितों के घर जलाए जाएं. उनका शोषण शुरू हो जाए. महिलाओं को पीटा जाए. अखिलेश ने 40 दिनों बाद हमें अपमानित किया. बहुजन समाज के लोगों का अपमान किया. उन्हें दलितों की जरूरत नहीं है. अखिलेश जी सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझ पाए हैं. हमसे बातचीत की. इसमें उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
1 घंटे तक चली थी सपा दफ्तर में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात
आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को सपा दफ्तर में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बैठक हुई थी. अटकलें लगाई जा रही थीं कि दोनों के बीच गठबंधन होगा जिसका निशाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश होगा लेकिन अब चंद्रशेखर ने अखिलेश यादव से किनारा कर लिया है.
एकता में बड़ा दम है। मजबूती और एकता के बगैर बीजेपी जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है। गठबंधन के अगुवा का दायित्व होता है कि वो सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का खयाल रखें। आज यूपी में दलित वर्ग @yadavakhilesh जी से इस जिम्मेदारी को निभाने की अपेक्षा रखता है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 14, 2022
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि एकता में बड़ा दम है. मजबूती और एकता के बिना बीजेपी जैसी पार्टी को हराना आसान नहीं है. गठबंधन के अगुवा का दायित्य होता है कि वह सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का ख्याल रखें. दलित वर्ग को अखिलेश से यही उम्मीद है. यह उम्मीद एक दिन बाद ही टूट गई और चंद्रशेखर ने साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव में उन्हें अखिलेश का साथ नहीं चाहिए.
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एक ही दिन में बदल गए चंद्रशेखर के तेवर, Akhilesh को क्यों सिखाने लगे सामाजिक न्याय?