डीएनए हिंदी: आजमगढ़ (Azamgarh) को अगर समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) का गढ़ कहें तो गलत नहीं होगा. प्रचंड मोदी लहर में हुए 2017 के विधानसभा चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) यहां सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. आजमगढ़ की दीदारगंज विधानसभा सीट पर भी जीत हासिल करना बीजेपी के लिए एक सपने जैसा है. अब तक यहां बीजेपी को कभी जीत नहीं मिली है.

दीदारगंज विधानसभा में कुल वोटरों की संख्या 3 लाख से ज्यादा है. यह एक मुस्लिम बाहुल विधानसभा सीट है. विधानसभा चुनावों में मुस्लिम फैक्टर का असर देखने को मिलता है. एक अनुमान के मुताबिक दीदारगंज में विधानसभा में मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 85 हजार है. अनुसूचित जाति के वोटर 80 हजार, यादव 43 हजार और राजभर वोटर करीब 45 हजार हैं. 

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क्या अखिलेश यादव से हुई है चूक?

अखिलेश यादव के लिए भी बीजेपी की तरह ही यहां की राह आसान नजर नहीं आ रही है. राजभर और यादव समीकरण साधने की कोशिश में अखिलेश यादव की सोशल इंजीनियरिंग में मुस्लिम फैक्टर की अनदेखी हो गई है. यह सीट मुस्लिम बाहुल सीट है. सपा ने कमालकांत को टिकट दिया है. कमलकांत राजभर समुदाय से आते हैं. मुस्लिम वोटर इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 

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मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने हुजैफा आमिर को उतार दिया है. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने जावेद को उतारा है. दोनों पार्टियों की सियासी पकड़ को नकारा नहीं जा सकता है. मुस्लिम वोटरों में असदुद्दीन की पार्टी को लेकर वैसे भी क्रेज बढ़ रहा है. ऐसे में इस सीट पर सपा की जीत आसान नहीं होने वाली है. भारतीय जनता पार्टी यहां बीते चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी रही है. 

2022 में किसके बीच है चुनावी जंग?

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने इस विधानसभा सीट से जावेद को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने रश्मि विश्वकर्मा को टिकट दिया है. सनातन रक्षा दल से लालमन यादव चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल से हुजैफा आमिर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने अवधेश कुमार सिंह को टिकट दिया है. पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया ने महेंद्र प्रसाद बिंद को टिकट दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने कृष्ण मुरारी को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी ने कमलकांत को उतारा है. बसपा ने भूपेंद्र को टिकट दिया है.

कौन जीता था 2017 का चुनाव?

2017 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता सुखदेव राजभर ने जीत दर्ज की थी. सुखदेव राजभर को कुल 62125 वोट मिले थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आदिल शेख को हराया था. आदिल शेख को कुल 58480 वोट मिले थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में कृष्ण मुरारी तीसरे नंबर थे. उन्हें कुल 49979 वोट हासिल हुए थे. चौथे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी अर्चना थीं. उन्हें 6828 वोट मिले थे. 

पार्टी प्रत्याशी जीत जीत का अंतर
बसपा सुखदेव राजभर 62125  
सपा आदिल शेख 58480 3645
बीजेपी कृष्ण मुरारी 49979  

कौन जीता था 2012 का चुनाव?

2012 के विधानसभा चुनावों में बसपा के दिग्गज नेता सुखदेव राजभर हार गए थे. उन्हें समाजवादी पार्टी के नेता आदिल शेख ने हरा दिया था. आदिल शेख को जहां कुल 64361 वोट पड़े थे वहीं सुखदेव राजभर को 62134 वोट पड़े थे.

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कब है वोटिंग?

आजमगढ़ की सभी विधानसभा सीटों पर वोटिंग 7 मार्च को है. चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

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UP Assembly Election 2022 Didarganj constituency Ulama Council SP BSP Congress BJP
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क्या दीदारगंज विधानसभा में उलेमा काउंसिल बिगाड़ेगी सपा का चुनावी खेल?
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UP Election 2022: क्या दीदारगंज विधानसभा में उलेमा काउंसिल बिगाड़ेगी सपा का चुनावी खेल, BJP ने किसे उतारा?