डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए दावा किया कि उनकी ही पार्टी ने उन्हें "अलग-थलग" कर दिया है और उन पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया.
अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ शामली के कैराना में संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यादव ने उत्तर प्रदेश और केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकारों पर निशाना साधा.
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अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनावों (Vidhan Sabha Chunav) के लिए मुख्यमंत्री पर उनकी ‘‘भाषा’’ को लेकर पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘‘भाईचारा बनाम भारतीय जनता पार्टी’’ मुकाबला होगा. उन्होंने सपा-रालोद गठबंधन के नेताओं पर योगी आदित्यनाथ की कथित टिप्पणी का भी जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने कहा था कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उनकी ‘खून की गर्मी’ शांत हो जाएगी.
सपा प्रमुख ने कहा कि जयंत चौधरी लंबे समय से सपा के सहयोगी रहे हैं और उन्हें उनकी पार्टी से सम्मान मिलता रहेगा. उन्होंने गत अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, "इस बार बात यह है कि गठबंधन को किसानों से मिल रहे समर्थन से भाजपा चिंतित है. किसानों को लगता है कि यह चुनाव उनके स्वाभिमान और सम्मान के लिए है. वे यह नहीं भूलेंगे कि कैसे कुछ किसानों को एक जीप के नीचे कुचल दिया गया था."
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भाजपा के उन आरोपों का जिक्र करते हुए कि कुछ साल पहले कई हिंदू परिवार अपराधियों की धमकियों के कारण शहर से भाग गए थे, यादव ने कहा, "भाजपा नकारात्मक राजनीति में लिप्त है. सपा-रालोद गठबंधन भाईचारे के लिए है. कैराना पलायन की बात करने वालों को चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश से बाहर जाना होगा."
‘‘खून की गर्मी’’ संबंधी बयान पर सपा नेता ने कहा, "आप इस मुख्यमंत्री से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? उन्हें बताना चाहिए कि क्या राज्य में बिजली की दरों में कमी आएगी. यह पहली बार नहीं है जब मैं उन्हें इस तरह की भाषा बोलते हुए सुन रहा हूं." उन्होंने कहा, "वास्तव में, निर्वाचन आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए कि एक मुख्यमंत्री इस तरह के शब्द कैसे बोल रहे हैं."
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