डीएनए हिंदी: अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने के लिए अखिलेश यादव ने मायावती की पार्टी का नाम लिए बिना शनिवार को जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर के रास्ते से भटक गई एक पार्टी सपा को भाजपा से पराजित करवाने के एक मात्र उद्देश्य से चुनाव लड़ रही है.
सपा के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, "सपा, भाजपा को हराने के काम में जुटी है लेकिन एक ऐसी पार्टी है जो सपा को रोकना चाहती है. वह पार्टी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के रास्ते से भटक गई है. वह जीतने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को सत्ता में बने रहने में मदद करने के लिए चुनाव लड़ रही है."
उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए समाजवादियों और आंबेडकरवादियों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में बदलाव लाना होगा क्योंकि यह चुनाव नौजवानों का भविष्य तय करेगा. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने यह भी कहा कि उस पार्टी के कई लोग सपा में शामिल हो गए हैं.
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आपको बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती कई बार सपा पर 2012-17 के दौरान सत्ता में रहने के दौरान दलितों के हितों के विरूद्ध कथित रूप से काम करने का आरोप लगा चुकी है. उन्होंने अपनी बात के पक्ष में संत रविदास नगर का नाम पिछली सपा सरकार द्वारा भदोही करने का हवाला दिया. पिछले विधानसभा चुनाव में जीतकर आए बसपा के 19 में से ज्यादातर विधायक इस चुनाव से पहले सपा के साथ हो गए.
महंगाई को लेकर सरकार पर हमला करते हुए यादव ने कहा, "भाजपा के लोग कहते थे कि गरीब हवाई जहाज में चलेंगे. लेकिन जब से सरकार में आए हैं डीजल-पेट्रोल इतना महंगा कर दिया है कि गरीब की गाड़ी और नौजवान की मोटरसाइकिल नहीं चल पा रही है."
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर हुए चुनाव का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, "चुनाव का जो परिणाम दस मार्च को आना था, वह जनता पहले चरण में 10 फरवरी को अपने मतदान कर फैसला सुना दिया है कि आने वाले समय में गठबंधन की सरकार आने जा रही है. दूसरे चरण का चुनाव बदायूं, संभल मुरादाबाद की तैयारी को देखकर लग रहा है कि भाजपा का पूरा सफाया होने जा रहा है."
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