डीएनए हिंदीः केंद्र की मोदी सरकार आज यानि सोमवार को लोक सभा में 'चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021' पेश कर सकती है. इस बिल के जरिए आधार (Aadhar Card) को वोटर कार्ड (Voter Card) से जोड़ने का प्रावधान है. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 और जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में और संशोधन करने के लिए विधेयक पेश करेंगे. बिल पेश किए जाने से पहले ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. ओवैसी ने इसे नागरिकों की सुरक्षा और निजता से जोड़ा है.
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बिल में क्या होंगे प्रावधान
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021, वोटर लिस्ट डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है और ये लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में 'पत्नी' शब्द को 'पति/पत्नी' शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव करता है, जिससे कानून लिंग तटस्थ हो जाता है. इस बिल के माध्यम से केंद्र सरकार ने फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में दोहराव को रोकने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान है.
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बिल के तहत वोटर लिस्ट में कोई भी नया मतदाता साल में 4 बार अपना नाम दर्ज करा सकेगा. इसके अलावा बड़ा बदलाव सर्विस वोटर्स के लिए चुनावी कानून को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाकर किया जा रहा है. इससे महिला कर्मचारियों के पति भी सर्विस वोटर में शामिल हो जाएंगे. अभी तक ऐसा नहीं था. मसलन, पुरुष फौजी की पत्नी सर्विस वोटर के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती थी, लेकिन महिला फौजी का पति ऐसा नहीं कर सकता था.
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