बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीता है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूर्वांचल से आने वाले Yogi Cabinet के कई मंत्री हार गए हैं. वहीं इस बार कुछ नए और बड़े चेहरे जीतकर आए हैं. ऐसे में अब मंत्री पद को लेकर मंथन शुरू हो गया है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बार योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट मंत्री जगह देते हैं.
Slide Photos
Image
Caption
भले ही कुछ मंत्री हार गए हों लेकिन कई कैबिनेट मंत्री पिछली बार से भी बेहतरीन मार्जिन से जीतकर आए हैं तो उन चंद मंत्रियों का मंत्री पद तो तय माना जा रहा है. इसी प्रकार यह भी तय है कि कुछ मंत्रियों के पुराने काम-काज के कारण उन्हें बाहर किया जाएगा लेकिन सबसे बड़ी उत्सुकता नए चेहरों को लेकर है जिनमें कुछ बड़े नाम भी हैं.
Image
Caption
रायबरेली सीट पर पहली बार भाजपा का झंडा फहराने वाली अदिति सिंह की भी लॉटरी लग सकती है. उनको मंत्री बनाकर भाजपा 2024 के चुनाव में सोनिया गांधी का किला ध्वस्त करने की जुगत कर सकती है. स्मृति ईरानी के सहारे पहले ही बीजेपी राहुल गांधी की सीट अमेठी छीन चुकी है और अब पार्टी 2024 में सबसे सोनिया गांधी को हराने की प्लानिंग कर रही है.
Image
Caption
कन्नौज से विधायक चुने गए कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को मंत्री पद मिल सकता है. उन्हें दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है. उनके पास पुलिस विभाग का लंबा अनुभव है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने खुद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए राजी किया था. यही नहीं असीम अरुण को मंत्री पद से ज्यादा भी कुछ हासिल हो सकता है जिसके लिए चुनाव से पहले डील हुई हो.
Image
Caption
वहीं कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को मात देने वाले सुरेंद्र कुमार कुशवाहा को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. पिछड़ी जाति के कोटे से इनके मंत्री बनने की संभावना प्रबल है. कुशवाहा लीडरशिप की कमी पूरी करेंगे, वहीं उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य को हराने का ईनाम भी दिया जा सकता है.
Image
Caption
भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद गोरखपुर की चौरी चौरा सीट से एमएलए बने हैं. वैसे तो संजय निषाद भी MLC हैं, लेकिन इस बात की संभावना जताई जा रही है कि संजय निषाद अपने बेटे को मंत्री बनवाएंगे. श्रवण को राजनीति में स्थापित करने का इससे बेहतर मौका संजय निषाद को फिर शायद ही मिले.
Image
Caption
उत्तराखंड के राज्यपाल के पद पर से इस्तीफा देकर यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली बेबी रानी मौर्या मंत्रियों की रेस में बहुत ऊपर हैं. जाटव बिरादरी की होने के कारण और ऊंची प्रोफाइल होने के कारण उनका नाम मंत्रिमंडल में लगभग तय माना जा रहा है.