उत्तर प्रदेश की सियासत में कांग्रेस (Congress) पार्टी धीरे-धीरे हाशिए पर जाती दिख रही है. पार्टी के पांव तमाम प्रयासों के बाद भी लगातार सिमट रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की मेहनत भी रंग लाती नहीं दिखी क्योंकि 387 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई है.
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कांग्रेस ने कुल 399 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से 387 सीटों पर जमानत जब्त हो गई है. यह आंकड़ा 97 फीसदी से ज्यादा है. सूबे में कुल 4442 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे. इनमें से 3522 की जमानत जब्त हुई. यानी 79.28 फीसदी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकामयाब रहे.
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उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में युद्धस्तर पर किए गए चुनाव प्रचार के बाद भी कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 पर जीत हासिल कर सकी. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी भी कम होकर 2.33 प्रतिशत हो गई और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
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साल 2017 में कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने कुल 114 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. जीत महज 7 सीटों पर मिली थी. उस समय सभी के वोट का टोटल 54,16,540 था. यह कुल आंकड़ों का 6.25 प्रतिशत था. हर प्रत्याशी के खाते में औसतन 47,513 वोट आ रहे थे. कांग्रेस को सपा के सहारे बढ़त मिली थी.
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सियासी जानकार कहते हैं कि विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की तरह लड़ाई में ही नहीं थी. लड़ाई सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) में थी. बसपा-कांग्रेस तो सिर्फ एक-दूसरे से भिड़ रहे थे.
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कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी रविवार को अहम बैठक करने वाली है. बैठक में हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी. पार्टी के दिग्गज नेता भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रविवार को शाम चार बजे दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में CWC बैठक की अध्यक्षता करेंगी.