पंजाब चुनावों से पहले आज राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम फेस बनाने की घोषणा कर दी है. चन्नी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे कई वजहहैं. प्रदेश में चल रही गुटबाजी के बावजूद भी चुनाव से पहले सीएम फेस बनाने के पीछे खास वजह है. पंजाब के जातीय समीकरण और वोटों के गणित को देखते हुए कांग्रेस ने दलित चेहरे पर दांव खेला है. समझें पूरा समीकरण.
Slide Photos
Image
Caption
कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया है. चन्नी राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं. लगभग 111 दिन के कार्यकाल के दौरान उन्होंने आगे बढ़कर लीड किया है. वह खुलकर विपक्षी दलों पर हमलावर भी रहे हैं. इसके अलावा, चन्नी की एक खासियत है कि वह लगातार मीडिया में भी सुलभ रहे हैं. आगे बढ़कर लीड करने की अपनी क्षमता दिखाकर वह खुद को साबित करने में सफल हो पाए हैं. इसका असर दिख रहा है कि आज हर सर्वे में चन्नी की बात होने लगी है. अब वह निर्विवाद तौर पर कांग्रेस के आम विधायक नहीं बल्कि प्रदेश के बड़े लीडरों की लिस्ट में हैं.
Image
Caption
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में दलितों के अंदर ही 39 उपवर्ग हैं. इनमें 5 उपवर्ग में ही 80% दलित आबादी आती है. इन 5 उपवर्गों में भी 30% मजहबी सिखों के बाद दूसरे सबसे बड़े रविदासिया हैं. उनकी आबादी 24 प्रतिशत के करीब है. ज्यादातर रविदासिया पंजाब के दोआबा इलाके के निवासी हैं. इस क्षेत्र में जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला जैसे जिले आते हैं.
Image
Caption
पंजाब के सभी क्षेत्र में दलित वोट बहुत अहम हैं. मालवा सबसे बड़ा इलाका है और इस इलाके में 69 सीटें आती हैं. दलित वोटों का प्रभाव इस बड़े इलाके पर है. ऐसे में कांग्रेस ने चन्नी की मजबूत होती छवि के साथ दलित वोटों को साधने के लिए उन्हें सीएम फेस बनाया है. मालवा में पिछले चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था और वहां से पार्टी ने 40 सीटें जीती थीं.
Image
Caption
पंजाब में किसी भी सूरत में कांग्रेस सत्ता बचाए रखना चाहती है. वहीं यूपी और उत्तराखंड में भी कांग्रेस अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है. माना जा रहा है कि दलित नेता को सीएम फेस बनाकर कांग्रेस ने बाकी राज्यों में भी एक संदेश देने की कोशिश की है.
Image
Caption
नवजोत सिंह सिद्धू की छवि बड़बोले और जिद्दी राजनेता जैसी है. इसके अलावा, उनका सेलिब्रिटी स्टेटस भी सीएम फेस बनने के लिए उनके पक्ष में नहीं जाता है. इसकी तुलना में दलित समुदाय से आने वाले उच्च शिक्षित चन्नी परिपक्व नजर आते हैं. उनके अंदाज और रवैये में एक किस्म का ठहराव और सादगी झलकती है. बताया जाता है कि चन्नी के इस लो प्रोफाइल रहने की आदत ने राहुल गांधी और कांग्रेस हाई कमान को खासा प्रभावित किया है.