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Punjab Election 2022: बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए लेकिन वहां भी क्यों पिछड़ गए नवजोत सिंह सिद्धू?

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Submitted by Smita.Mugdha@d… on Tue, 02/08/2022 - 16:47

नवजोत सिंह सिद्धू जब बीजेपी में थे तब भी अपने बयानों की वजह से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते थे. अब बीजेपी से कांग्रेस में आने के बाद भी उनके बगावती तेवर नहीं थमे हैं. सिद्धू में मुख्यमंत्री बनने की लालसा है और लोकप्रियता के बाद भी वह इस बार भी सीएम फेस बनने से चूक गए हैं. समझें क्यों सीएम फेस की लड़ाई में हार गए सिद्धू.

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सिद्धू का बड़बोलापन हर पार्टी के लिए मुसीबत
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नवजोत सिंह सिद्धू उन नेताओं में से हैं जिनके भाषणों पर खूब ताली बजती है. उनकी हाजिरजवाबी और बोलने की खास शैली के फैंस बड़ी संख्या में हैं. उनका यही बोलना जिस भी पार्टी में वह रहे उसके लिए मुसीबत का सबब बना रहा है. सिद्धू अपने बयानों से अक्सर ही पार्टी को मुसीबत में डालते रहते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस हाई कमान ने तारीफ और नसीहत से ही काम चलाया उन्हें सीएम फेस नहीं बनाया है. 

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हमेशा बगावती तेवर हाई कमान को नहीं लगा ठीक
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कांग्रेस की राजनीति के जानकारों का कहना है कि सिद्धू के बगावती तेवर नई बात नहीं है. बीजेपी में रहते हुए वह सहयोगी अकाली दल पर हमलावर रहते थे. कांग्रेस में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. ऐसे में पार्टी नेतृत्व के लिए उन्हें नियंत्रित रखना खासा मुश्किल काम था. सिद्धू की तुलना में चन्नी सार्वजनिक मंचों और बयानों में बहुत सतर्कता और समझदारी से काम लेते हैं. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के बिखराव और भितरघात पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने सिद्धू को तरजीह नहीं दी है.  

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सिद्धू का बचाव करना कांग्रेस के लिए होती टेढ़ी खीर
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नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट करियर ही नहीं राजनीतिक करियर भी कम विस्फोटक नहीं रहा है. इमरान खान और पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा से गले मिलने की वजह से कांग्रेस पर बीजेपी हमलावर रही है. सिद्धू के लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ दिए बयान, कभी पाकिस्तान की वकालत तो कभी इमरान खान की तारीफ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बीजेपी आज भी हमलावर है. ऐसे में कांग्रेस उन्हें चेहरा बनाकर विपक्षियों को खुला मंच नहीं देना चाहती थी.

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सेलिब्रिटी सिद्धी की तुलना में चन्नी का लो प्रोफाइल रहना काम आया
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सिद्धू को सीएम फेस नहीं बनाने के पीछे उनके और चन्नी के व्यक्तित्व का अंतर भी बड़ी वजह है. सिद्धू की छवि सेलिब्रिटी नेता की रही है. वह क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कॉमेंट्री, बिग बॉस और कॉमेडी शो कर चुके हैं. उनकी तुलना में दलित बैकग्राउंड से आने वाले चन्नी की लो प्रोफाइल छवि, संतुलित अंदाज और उच्च शिक्षित होना राहुल गांधी को ज्यादा पसंद आया है. जाहिर है कि सेलिब्रिची होने की लोकप्रियता की कीमत सिद्धु को चुकानी पड़ी.

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश
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माना जा रहा है कि सीएम फेस नहीं बनाने के बदले में कांग्रेस आला कमान ने सिद्धू की खासी मान-मनौव्वल भी की है. उन्हें पार्टी का अहम चेहरा बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई है. आला कमान की कोशिश है कि चुनावों से पहले किसी तरह की फूट और बिखराव के नुकसान से बचने के लिए हर संभव तरीका आजमाया जाए. यही वजह है कि सार्वजनिक मंच से राहुल गांधी ने सिद्धू की तारीफ करते हुए खुद को उनका पुराना प्रशंसक बताया है. 

Section Hindi
चुनाव
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पंजाब चुनाव 2022
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punjab election 2022 navjot singh sidhu political journey losing out on CM candidate race
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Punjab Election 2022: बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए लेकिन वहां भी क्यों पिछड़ गए नवजोत सिंह सिद्धू?
Date published
Tue, 02/08/2022 - 16:47
Date updated
Tue, 02/08/2022 - 16:47