हाल के दिनों में मिल रहे राजनीतिक रुझानों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि दूसरे दल के नेताओं की बहू और बेटियों के लिए भी BJP पहली पसंद बनती जा रही है. केंद्रशासित पार्टी बीजेपी भी उनका खुले मन से स्वागत कर रही है. इस लिस्ट में बेशक सबसे चर्चित नाम अपर्णा यादव का रहा, लेकिन यह लिस्ट लंबी है.
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बीते दिनों मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव सपा का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं थीं. यह ना सिर्फ मुलायम परिवार के लिए बड़ा झटका था, बल्कि अपर्णा के इस फैसले ने जनता को भी हैरान कर दिया. अब अपर्णा यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नहीं थकती हैं.
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इस लिस्ट में दूसरा नाम कांग्रेस के दिग्गज नेता और लंबे समय तक सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से कांग्रेस के विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह का है. अदिति सिंह को बीजपी ने रायबरेली से उम्मीदवार बनाया है. प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन पर सवाल खड़ा करते हुए अदिति सिंह ने प्रियंका गांधी को ही चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी है.
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यही नहीं अभी कल तक कांग्रेस पार्टी के अभियान 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' की ब्रैंड अंबेसडर और पोस्टर गर्ल रहीं प्रियंका मौर्य ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है. उन्होंने भी बीजेपी की सदस्यता ले ली है. उनका कहना है कि कांग्रेस में कोई नहीं है जिससे बात की जा सके.
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इस कड़ी में अगला नाम है बीजपी छोड़कर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉ संघमित्र मौर्य का. संघमित्र मौर्य बदायूं से बीजपी सांसद हैं. पिता भले ही सपा में चले गए हों , लेकिन संघमित्रा ने बीजपी को नहीं छोड़ा, वह बीजपी को ही अपना घर मानती हैं. सोशल मीडिया पर संघमित्रा के पार्टी को छोड़ने की अफवाह खूब उड़ी थी, लेकिन उन्होंने पिता स्वामी प्रसाद मौर्या की तरह पार्टी नहीं छोड़ी.
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बीजेपी छोड़कर सपा में जाने वाले एक और नेता विनय शाक्य की बेटी ने भी अपने पिता का साथ देने की बजाय बीजेपी पर भरोसा किया. बीजपी ने रिया शाक्य के भरोसे का सम्मान करते हुए उन्हें पार्टी का टिकट देकर मैदान में उतार दिया है.