पंजाब (Punjab) और गोवा (Goa) में विधानसभा चुनावों के लिए प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो का ऐलान कर दिया है. बिजली, पानी, महिलाओं को पेंशन और सैलरी हाइक भी इन राज्यों में प्रमुख मुद्दा है. गोवा में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच सियासी टक्कर है तो पंजाब में टीएमसी को छोड़कर सभी पार्टियां दावेदारी ठोक रही हैं. अगर इन राजनीतिक पार्टियों में से किसी एक की सरकार बन जाती है तो कितनी रकम सरकार को खर्च करनी पड़ सकती है, आइए जानते हैं.
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अगर गोवा में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनती है 5,000 रुपये प्रति माह डायरेक्ट ट्रांसफर के जरिए हर उस महिला आर्थिक मदद दी जाएगी जो घर की मुखिया है. इसमें कुल 2,100 करोड़ रुपये प्रतिमाह खर्च होंगे. मछुआरों के परिवारों को लीन पीरियड के दौरान 4,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. इसमें 2 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च होंगे. यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के जरिए 5 लाख से ज्यादा की रकम दी जाएगी. इसमें 1 लाख का एक्सीडेंट कवर भी होगा. इसमें कुल 528 करोड़ रुपये वार्षिक खर्च हो सकते हैं. टैक्सी मालिकों को 10000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जिसमें 30 करोड़ खर्च होंगे.
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AAP का वादा है कि गृह आधार योजना के जरिए 20,000 महिलाओं को 2,500 रुपये मिलेंगे. इसमें 60 करोड़ रुपये प्रतिमाह खर्च हो सकते हैं. 300 यूनिट तक फ्री इलेक्ट्रिसिटी का वादा किया गया है जिसमें कुल 180 करोड़ प्रति माह खर्च हो सकता है. बेरोजगारों को 3,000 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा जिसमें 460 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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गोवा का फिस्कल लायबिलिटी 23,437 करोड़ रुपये है. सरकार की बड़ी रकम पुराने कर्ज के ब्याज को चुकाने में भी जा र
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पंजाब में आम आदमी पार्टी का वादा है कि अगर सरकार बनी तो 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी. इसमें 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम वार्षिक तौर पर खर्च हो सकती है. अगर 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को 1,000 रुपये प्रति माह दिया जाता है तो 12,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च होंगे. अगर रेत माफियाओं का खुलासा किया जाए तो सरकार 1000 रुपये प्रतिमाह देगी.
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पंजाब के लिए कांग्रेस ने खूब वादे किए हैं. अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो पंजाब की कांग्रेस सरकार मौजूदा बिजली की दर में 3 रुपये प्रिति यूनिट कटौती करेगी. इसमें कुल 3,300 करोड़ रुपये खर्च होंगे. किसानों के लिए मुफ्त बिजली पर 6,735 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर महिला को 2,000 रुपये प्रतिमाह मिलेगा. 8 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे. स्कूल ड्रॉपआउट रेट को कम करने के लिए 10वीं पास हर लड़की को 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के डीए हाइक में 11 फीसदी इजाफा किया जाएघा. इसमें कुल 440 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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पंजाब में शिरोमणि अकाली दल गठबंधन ने अभी तक अपने चुनावी मेनिफेस्टो का ऐलान नहीं किया गया है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने भी अभी ऐलान नहीं किया है.
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2021-22 के अनुमानित बजट के मुताबिक राज्य सरकार का कर्ज कुल 2.8 लाख करोड़ बढ़ सकता है. अगर जीतने वाली पार्टियों ने अपने सियासी वादों को पूरा किया तो सरकार पर वित्तीय भार और बढ़ सकता है.