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UP Election 2022: क्या ममता बनर्जी बढ़ा पाएगी अखिलेश यादव के साइकिल की स्पीड?

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Submitted by Abhishek.Shukl… on Wed, 02/09/2022 - 08:01

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) विधानसभा चुनावों के जरिए लोकसभा चुनावों को साधने की कोशिशों में जुट गई हैं. खुद को कांग्रेस (Congress) का मजबूत विकल्प मान रहीं ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस का देशव्यापी प्रचार कर रही हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को केंद्र से हटाने का संकल्प भी लिया है. यही वजह है कि ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ भी हाथ मिला लिया है. एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यहां तक दावा तक कर दिया कि यूपी और बंगाल एक हो जाएंगे, सारे राज्य और पार्टियां मिलकर दिल्ली से बीजेपी को हटाएंगे, यह हमारा वादा है. इस दावे में कितना दम हैं, आइए पड़ताल करते हैं.

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अखिलेश यादव की मुश्किलें न बढ़ा दें ममता बनर्जी!
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ममता बनर्जी भले ही पश्चिम बंगाल से बाहर विस्तार की महत्वाकांक्षी योजना बना रही हैं लेकिन पश्चिम बंगाल से बाहर की राजनीति में उनकी सियासत कमजोर नजर आती है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति करती हैं. अखिलेश यादव पर भी लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) तुष्टीकरण का आरोप लगाती है. कारसेवकों से लेकर मुजफ्फनगर के दंगों तक सपा को बीजेपी घेरती रहती है. ममता बनर्जी पर भी यही आरोप बीजेपी लगाती है. उन पर भी मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं. ऐसी स्थिति में अगर बीजेपी अपनी चुनावी रैलियों में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की सियासी जोड़ी को निशाना बनाए तो सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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राष्ट्रीय नेतृत्व में कहां खड़ी हैं ममता बनर्जी?
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अखिलेश यादव की चुनावी यात्रा को ममता बनर्जी मजबूत भले ही न कर पाएं, उनका नुकसान जरूर करा सकती हैं. पश्चिम बंगाल से बाहर ममता बनर्जी की न तो मजबूत सियासी पकड़ है न ही लोग उन्हें कांग्रेस के मजबूत विकल्प के तौर पर देख पा रहे हैं. यूपीए आज भी दूसरा सबसे मजबूत गंठबंधन हैं वहीं तीसरे मोर्चे की सिर्फ कवायद होती है. यह नेतृत्वविहीन गठबंधन है. ममता बनर्जी को नेता न तो नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) मान पा रही है न ही दूसरे क्षेत्रीय दल. उन्हें पता है कि ममता बनर्जी भले ही पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी नेता हों लेकिन सूबे के बाहर उनका कद आज भी कांग्रेस से बहुत पीछे है.

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सपा-टीएमसी दोनों पर लगते रहे हैं तुष्टीकरण के आरोप!
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ममता बनर्जी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश में इतनी नहीं है कि वह अखिलेश यादव की चुनावी कैंपेन को मजबूत कर सकें. वजह यह है कि उन्हें लेकर बीजेपी नेताओं ने एक ऐसी छवि गढ़ दी है जो लोगों के मन में बैठ गई है. ममता बनर्जी सीएए-एनआरसी की घोर विरोधी हैं. बीजेपी लगातार आरोप लगाती है कि ममता बनर्जी का घुसपैठियों के प्रति सॉफ्ट नजरिया है. विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण का भी आरोप लगाती हैं. ऐसी स्थिति में अगर यूपी में हिंदुत्व सियासी मुद्दा बना है तो ममता की छवि अखिलेश यादव का नुकसान भी कर सकती है. अखिलेश यादव खुद इन्हीं आरोपों से जूझ रहे हैं.

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कितनी मजबूत हैं ममता बनर्जी?
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ममता बनर्जी की मजबूती सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सिमटी है. वहां भी सिर्फ राज्य सरकार तक. पश्चिम बंगाल में कुल 292 विधानसभा सीटे हैं. टीएमसी को 2021 के विधानसभा चुनावों में कुल 213 सीटें मिलीं. बीजेपी ने शून्य से 77 का सफर तय कर लिया. 2019 के लोकसभा चुनावों में नतीजे ज्यादा नजदीक थे. पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं. टीएमसी को 22 सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत मिली थी. बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस केवल 2 सीटें जीत सकी थी. अगर केवल 22 सीटों के दम पर ममता बनर्जी पूरे देश को साधने की कोशिश कर रही हैं तो उनका सियासी सफर आसान नहीं है. बीजेपी से केंद्र में सीधी टक्कर केवल कांग्रेस की है. अगर पश्चिम बंगाल में ममता के गढ़ में बीजेपी 77 सीटें ला सकती है तो यूपी में उसके प्रभाव के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. यूपी में योगी और मोदी फैक्टर है. यूपी में ममता बनर्जी न तो अखिलेश को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में हैं न ही फायदा.

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BJP के खिलाफ क्या बोलीं ममता?
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ममता बनर्जी ने अखिलेश के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को बीजेपी पर एक के बाद कई सियासी हमले किए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी धर्म को भी उल्टा रूप देती है और वह असली हिंदू धर्म को नहीं मानती. बीजेपी की राजनीति झूठी है. बीजेपी पूरे हिंदुस्तान के लिए खतरा बन गई है. अगर आप इस खतरे को खत्म करना चाहते हैं तो आपको अपने पैर पर खड़ा होना पड़ेगा. अगर आप सब लोग इकट्ठा हो जाएंगे तो बीजेपी हार जाएगी. बीजेपी के साथ यहां भी खेला होबे. अगर आप उसे यूपी से हटा दो तो हम उसे देश से हटा देंगे, यह हमारा वादा है.

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योगी पर क्या बोलीं ममता बनर्जी?
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ममता बनर्जी ने योगी पर सियासी हमला बोलते हुए कहा है कि अगर योगी दोबारा आ जाएंगे तो आप लोगों को पूरा खा जाएंगे. राजनीति के रूप में, अर्थ नीति के रूप में हर जगह पर. इसको कुछ आता नहीं है, इसलिए इसको जाने दीजिए. चुनाव के वक्त कोई संत बन जाता है. चुनाव के समय संत बनने वाला असली संत नहीं होता. असली संत तो 365 दिन जनता के लिए संत बनता है. आज लोग भूखे मर रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, मां-बहनों का सम्मान नहीं है, लोग अगर आंदोलन करते हैं तो उन्हें गोली मार दी जाती है. अब ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर जनता का रुख अपनाती है यह देखने वाली बात होगी. जानकारों का कहना है कि यूपी में ममता बनर्जी की राह इतनी भी आसान नहीं है.

Section Hindi
चुनाव
लेटेस्ट न्यूज
Authors
अभिषेक शुक्ल
Tags Hindi
यूपी
यूपी चुनाव 2022
ममता बनर्जी
अखिलेश यादव
तृणमूल कांग्रेस
समाजवादी पार्टी
बीजेपी
विधानसभा चुनाव
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UP Assembly Election 2022 Mamata Banerjee TMC Akhilesh Yadav SP vs BJP
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Mamata Banerjee vs Akhilesh Yadav.
Date published
Wed, 02/09/2022 - 08:01
Date updated
Wed, 02/09/2022 - 08:01
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UP Election 2022: ममता बनर्जी क्या मजबूत कर पाएंगी अखिलेश यादव की साइकिल?