डीएनए हिंदी: रामपुर सदर विधानसभा सीट पर आज प्रचार का अंतिम दिन है. इस सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होगा. यह विधानसभा सीट आजम खान का गढ़ कही जाती है. आजम खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद से भाजपा इस सीट को जीतने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. भाजपा ने इस सीट पर उपचुनाव के लिए आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. आकाश रामपुर विधानसभा उपचुनाव सीट से जीत के प्रति आश्वस्त हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में कहा कि आजम खां ने मुसलमानों को "भाजपा का डर दिखाकर" उनसे उनका सबकुछ छीनने की कोशिश की और उनके प्यार को "गुलामी" समझा.
भाजपा उम्मीदवार ने कहा कि रामपुर के मुसलमान अब हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा छोड़कर उज्ज्वल भविष्य की तरफ देख रहे हैं और इस बार वे नया इतिहास रचने का मन बना चुके हैं. आकाश सक्सेना ने कहा कि रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके आजम खां ने यहां के मुसलमानों के प्यार को "गुलामी" समझा और यह उपचुनाव मुस्लिमों के लिए उस दासता को उतार फेंकने का सुनहरा मौका है.
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उन्होंने कहा, "रामपुर के मुसलमानों के प्यार को आजम खां ने गुलामी समझा और उसे इस कदर आगे ले गए कि उन्होंने खुद दूसरा नवाब बनने की कोशिश की. आजम खां ने मुसलमानों को भाजपा का डर दिखाकर उनसे उनका सबकुछ छीनने की कोशिश की और उन्हें राजनीतिक रूप से अपना गुलाम बनाने पर ही पूरा ध्यान लगाया. नतीजा यह हुआ कि रामपुर का कारोबार चौपट हो गया और मुस्लिम नौजवानों का भविष्य अधर में लटका रहा."
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आकाश सक्सेना ने कहा, "जहां तक रामपुर के मुसलमानों की बात है तो अब वे आजम खां के हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को छोड़कर उद्योग और रोजगार की बात कर रहे हैं. जिस तरह से युवा साथियों का समर्थन मिल रहा है उससे यह साबित होता है कि यहां का मुसलमान इतिहास रचने का मन बना चुका है. रामपुर का परिणाम ऐतिहासिक होगा और यह देश की दिशा और दशा तय करेगा."
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उन्होंने कहा, "रामपुर एक जमाने में उद्योगों के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर आता था. हम रामपुर को वही दर्जा वापस दिलाएंगे. रामपुर को एक उद्योग नगरी के तौर पर विकसित किया जाएगा. मुसलमानों को भी रोजगार चाहिए, भविष्य की उम्मीदें चाहिए. रामपुर का यह उपचुनाव मुसलमानों के पास एक सुनहरा मौका है कि वे दासता के चोले को उतार फेंकें और भाजपा की अगुवाई में एक नए भविष्य की तरफ आगे बढ़ें."
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गौरतलब है कि रामपुर सदर विधानसभा सीट नफरत भरा भाषण देने के मामले में आजम खां को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म किए जाने के चलते खाली हुई है. सपा ने इस सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. रामपुर विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बहुल इलाका है जहां मुसलमान मतदाता लगभग 60 प्रतिशत हैं.
सियासी परिवार से संबंध रखते हैं आकाश
आकाश सक्सेना के पिता शिव बहादुर सक्सेना रामपुर की स्वार सीट से चार बार भाजपा के विधायक रह चुके हैं. वह प्रदेश के गन्ना मंत्री भी रहे थे. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का करीबी माना जाता था. पसमांदा मुसलमानों पर भाजपा की निगाह से जुड़े एक सवाल पर आकाश सक्सेना ने कहा कि रामपुर में बहुत बड़ी आबादी पठान मतदाताओं की है और पसमांदा वह वर्ग है जिसे कोई महत्व नहीं देता था.
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आकाश सक्सेना ने कहा कि रामपुर की बदकिस्मती देखिए कि ढाई लाख पठान होने के बाद भी आज उनकी बहुत बड़ी आबादी आर्थिक रूप से पिछड़े की श्रेणी में आती है. उन्होंने कहा कि रामपुर के ज्यादातर पिछड़े मुसलमान पिछले लगभग चार दशक तक आजम खां के साथ रहे लेकिन बदले में उन्हें सम्मान तक नहीं मिला. उन्होंने भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को दोहराते हुए कहा, "मुसलमानों का सम्मान भाजपा के शासन में ही महफूज है."
(भाषा)
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