डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी संसदीय सीट से उनकी बहू डिंपल यादव (Dimple Yadav) उपचुनाव लड़ रही है. उनके सामने भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य है. ऐसे में डिंपल की जीत को पुख्ता करने के लिए अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव के घर पहुंचे. यहां चाचा-भतीजे में बातचीत हुई और फिर दोनों एक मंच पर नजर आए.
भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा चाचा को किनारे कर शनिवार को फिर से मिलने पर शिवपाल का दर्द बाहर आ गया. शिवपाल यादव ने कहा कि 2022 के चुनाव में मुझे जिम्मेदारी नहीं मिली थी, अगर जिम्मेदारी मिलती तो हर विधानसभा क्षेत्र में एक या दो नहीं बल्कि 10 से 50 हजार वोट बढ़ जाते. प्रदेश में सपा को 250 से भी ज्यादा सीटों पर जीत मिली होती और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होते. उन्होंने कहा कि मैनपुर उपचुनाव में डिंपल यादव की जीत पक्की है.
हमें एक रहना है आगे भी जीत होगी पक्की
मैनपुरी उपचुनाव पर बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि यहां हमें पूरा समर्थन मिलेगा. हमें एक रहना है. मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri By Election) में हमारी जीत पक्की है. उन्होंने आगे कहा कि करहल और जसवंतनगर में वोट देने की प्रतियोगिता होती है.अब तक जसवंतनगर आते रहता था, लेकिन हम चाहते हैं कि इस बार करहल विधानसभा क्षेत्र आगे रहे. इस दौरान शिवपाल ने अपनी ही पार्टी के नेता रहे रघुराज शाक्य पर भी हमला बोला.
अपने समाज के भी नहीं हुए भाजपा उम्मीदवार शाक्य
प्रसपा को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के साथ ही उपचुनाव उम्मीदवार रघुराज शाक्य पर शिवपाल जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि शाक्य अपने समाज के भी नहीं हो सके. उन्होंने हम से कभी नहीं पूछा और छिप कर चुनाव लड़ने पहुंच गया. वह अगर मुझे गुरु मानता तो मुझ से पूछकर जाना चाहिए था ना कि छिपकर.
5 दिसंबर को होगा उपचुनाव का मतदान
प्रदेश की चार लोकसभा सीट मैनपुरी लोकसभा, रामपुर, मुजफ्फरनगर और खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस चारों सीटों पर 5 दिसंबर को उपुचनाव के लिए वोट डाली जाएंगी. अब तक मैनपुरी सीट पूरी तरह से सपा की थी. अभी भी इस सीट को अपने पाले में रखने के लिए सपा ने पूरी जान लगा दी है.
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अगर 2022 में देते जिम्मेदारी तो मुख्यमंत्री होते अखिलेश, चाचा शिवपाल का छलका दर्द