डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) का बिगुल बज चुका है. इस बार बीजेपी (BJP) यहां अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) समेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) सभी लंबे वक्त से प्रचार कर रहे हैं. इस बार पार्टी के सामने दो दलों की चुनौती है. एक तरफ कांग्रेस 27 वर्षों बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है तो वही दिल्ली औऱ पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) भी यहां ताल ठोक रही है. अहम बात यह है कि बार गुजरात की राजनीति से तीन नेता गायब हैं जो कि पिछले चुनाव में बीजेपी की नाक में दम कर चुके थे और पार्टी की सीटें तक कम करवा दी थीं.
कांग्रेस विधानसभा चुनाव को लेकर अब सक्रिय हुई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से लेकर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सभी प्रचार में जुटे हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि इस बार पार्टी उदासीनता दिखा रही है. इसकी एक अहम वजह यह है कि इस बार बीजेपी के सामने कांग्रेस के पास कोई स्थानीय स्तर का बड़ा नेता नहीं है. पिछले चुनावों के दौरान पाटीदार हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना दिया था और बीजेपी 99 सीटों में ही सिमट कर रह गई थी.
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बीजेपी में आ गए हार्दिक पटेल
गुजरात में पाटीदार समाज की भागीदारी बीजेपी के लिए हमेशा ही अहम रही है और पिछले चुनाव के दौरान पाटीदार आंदोलन के जनक युवा नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने बीजेपी के खिलाफ जनता में हवा बना दी थी. इसके बाद वे कांग्रेस में भी शामिल हो गए थे, जिसके चलते बीजेपी को पाटीदार समाज का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाना पड़ा था. हालांकि पार्टी को हार मिली लेकिन उन्हें गुजरात में कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष तक बनाया गया था लेकिन उनका पार्टी से काफी टकराव था और वे फिर जून 2022 में बीजेपी में शामिल हो गए थे और अब वे बीजेपी के लिए प्रचार भी कर रहे हैं.
अल्पेश ठाकोर का हुआ था कांग्रेस से मोहभंग
अल्पेश ठाकोर (Alpesh Thakor) भी हार्दिक के साथ शामिल थे कांग्रेस ने उन्हें साल 2017 के चुनाव में टिकट भी दिया था. अल्पेश बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ जीते भी थे लेकिन पार्टी में ज्यादा महत्व न मिलने और स्थिति खराब होने के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और बीजेपी के टिकट पर 2019 के विधानसभा का उपचुनाव हार गए थे हालांकि वे बीजेपी में ही रहे. इस बार फिर बीजेपी ने उन्हें राधनपुर सीट से चुनाव में उतारा है और उनकी दावेदारी कांग्रेस समेत आप प्रत्याशी के सामने कड़ी मानी जा रही है.
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अकेले रह गए है जिग्नेश मेवाणी
हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस छोड़ने के बाद गुजरात की राजनीति में कांग्रेस के खेमे में अकेले जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) ऐसे नेता बचे हैं जिन्होंने पिछले चुनावों में बीजेपी की नाक में दम किया था. वह वडगाम निर्वाचन क्षेत्र में गुजरात विधानसभा के एक सदस्य हैं. वडगाम से ही एक बार फिर जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस ने टिकट दिया है. इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते जिग्नेश के सामने कठिन राजनीतिक चुनौती भी खड़ी हो गई है.
हार्दिक, जिग्नेश, और अल्पेश... इन तीनों की मदद से पिछले चुनावों में बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया था और 22 साल में पहली बार बीजेपी सीटों का शतक तक नहीं लगा सकी थी. पीएम मोदी ने पिछले चुनावों के दौरान रिकॉर्ड रैलियां भी की थीं, इन सबके बावजूद बीजेपी ने जैसे-तैसे सरकार बनाई थी. इसके विपरीत इस बार बीजेपी को आप से तो चुनौती मिल रही है लेकिन कांग्रेस की ताकत पिछली बार से कम दिख रही है. इसके चलते कांग्रेस आलाकमान भी प्रचार में ज्यादा सक्रिय है.
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कहां हैं गुजरात के तीन चेहरे जिन्होंने पिछले चुनाव में बढ़ा दी थी BJP की मुश्किलें