डीएनए हिंदी: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) में महिला प्रत्याशियों पर भरोसा जताने में राजनीतिक पार्टियां डर रही हैं. महिला मतदाताओं से वोट खींचने की कोशिश हर राजनीतिक पार्टी कर रही है लेकिन महिलाओं को टिकट देने से ऐतराज सबको है. पंजाब के 2.12 करोड़ मतदाताओं में कम से कम आधी जनसंख्या महिलाओं की है लेकिन महिला उम्मीदवारों की संख्या बेहद कम है.

शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) गठबंधन ने 117 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है. 117 उम्मीदवारों में सिर्फ 5 महिला प्रत्याशियों को टिकट मिला है.

5 महिला प्रत्याशियों में से 4 को शिरोमणि अकाली दल ने टिकट दिया है वहीं बसपा ने एक महिला प्रत्याशी को टिकट दिया है. शिरोमणि अकाली दल 97 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. मायावती (Mayawati) के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 

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UP में महिलाओं पर मेहरबान Congress, पंजाब में क्यों नहीं?

हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस (Congress) भी महिलाओं को टिकट नहीं दे रही है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं के इर्द-गिर्द पूरी चुनावी कैंपेन कांग्रेस चला रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) यूपी में लड़की हूं-लड़ सकती हूं कैंपेन भी चला रही हैं. कांग्रेस ने 40 फीसदी महिला प्रत्याशियों को टिकट देने का वादा किया. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने 109 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है लेकिन केवल 11 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. यह महज 10 फीसदी है.

AAP ने महिला प्रत्याशियों से किया किनारा

आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब में खुद को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी है. पार्टी का दावा है कि सूबे में असली बदलाव AAP लेकर आएगी. आम आदमी पार्टी ने सभी 117 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. कुल 12 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है. यह कुल सीटों का 10 प्रतिशत है. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) गठबंधन ने अब तक 106 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. 106 प्रत्याशियों में से केवल 8 महिलाओं को टिकट दिया है. यह कुल उम्मीदवारों का 7.5 फीसदी हिस्सा है. 

महिला वोटरों को लुभाने में जुटी राजनीतिक पार्टियां

शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने बीपीएल परिवारों की हर महिला मुखिया को ब्लू राशन कार्ड देने का वादा किया है. उनका दावा है कि अगर SAD-BSP गठबंधन सत्ता में आता है तो 2,000 रुपये प्रतिमाह महिलाओं को मदद दी जाएगी.

बीते साल दिसंबर में आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने घोषणा की  है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो पंजाब की 18 या उससे ज्यादा उम्र कीहर महिला को 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. 

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का वादा है कि पंजाब में अगर कांग्रेस सरकार की वापसी होती है तो हर गृहणी को 2,000 रुपये प्रति माह दिया जाएगा. हर साल 8 कुकिंग गैस सिलेंडर देने का वादा भी उन्होंने किया है.

राजनीतिक पार्टियों को भले ही महिला उम्मीदवारों से ऐतराज हो लेकिन महिलाओं के वोट से नहीं है. महिलाओं को लुभाने के लिए अलग-अलग पार्टियों की तरफ दावे किए जा रहे हैं.  महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम है भले ही राज्य की आधी आबादी उन्हीं से है.

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पंजाब में महिलाओं को टिकट क्यों नहीं दे रही हैं राजनीतिक पार्टियां?
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पंजाब में महिलाओं को टिकट क्यों नहीं दे रही हैं राजनीतिक पार्टियां?