डीएनए हिंदी : विधानसभा चुनाव के रिजल्ट लगभग तय हो चुके हैं. पंजाब छोड़कर चार राज्यों में भाजपा जीत रही है. उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत कई अर्थ लेकर आई है. इसे भाजपा की महिला कल्याणकारी योजनाओं की जीत भी कहा जा रहा है. हालांकि चुनाव से पहले उम्मीद की जा रही थी कि सपा कड़ी टक्कर देने वाला है पर आंकड़े कुछ और कहानी बता रहे हैं. भाजपा सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटों से कहीं अधिक सीट लेकर आई है. इन हालात में यह देखना आवश्यक है कि वे नेता जिन्होंने दल बदलना चुना था, वे किस हाल में हैं?
स्वामी प्रसाद मौर्य मान चुके हार
फ़ाज़िलनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट लगभग गंवा बैठे हैं. यहां से भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा मौर्य से काफ़ी मतों से आगे हैं. तीसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी हैं. मौर्य भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते थे. भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने भाजपा को सांप और ख़ुद को नेवला बताया था.
कांटे की टक्कर में दारा सिंह चौहान आगे
दारा सिंह चौहान(Dara Singh Chauhan) योगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वे चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आ गए थे. दारा सिंह चौहान ने ओबीसी के मुद्दे पर भाजपा का साथ छोड़ा था. घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे दारा सिंह चौहान की अपने भाजपा सहयोगी से कांटे की टक्कर में आगे चल रहे हैं. दारा सिंह चौहान के खिलाफ भाजपा के प्रत्याशी विजय कुमार राजभर मुक़ाबले में हैं.
अदिति सिंह रायबरेली से जीत रही हैं
रायबरेली को कांग्रेस(Congress) का गढ़ माना जाता रहा है. कभी इस जगह कांग्रेस का चेहरा मानी जाने वाली अदिति सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. अदिति समाजवादी पार्टी के अपने प्रतिद्वन्दी से लगभग नौ हज़ार वोटों से आगे चल रही हैं. अदिति पूर्व में प्रियंका गांधी को रायबरेली से लड़ने की चुनौती दे चुकी हैं.
अवतार सिंह भड़ाना बुरी तरह हार रहे हैं जेवर में
अवतार सिंह भड़ाना चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन छोड़कर सपा- आरएलडी के साथ आए थे. उनके मुक़ाबले भाजपा के धीरेंद्र सिंह थे. धीरेन्द्र सिंह काफ़ी मतों से भड़ाना से आगे चल रहे हैं.
दल-बदलने वालों में कुछ नेता आगे चल रहे हैं तो कुछ पीछे हैं. चुनाव के समय अन्य पार्टियों से भाजपा में शामिल हुए धर्म सिंह सैनी और लाल जी वर्मा भी आगे चल रहे हैं.
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