मीरा मेघमाला
बीस-पच्चीस साल पहले एक दिन हम कर्नाटक के दांडेली बाग संरक्षित प्रदेश में से गुजर रहे थे. घने जंगल के बीच रास्ते में एक जगह हमारी कार रुकी. जंगल में से "हा हा हा.... ह ह ह ह ह" करके औरत के अट्टहास जैसी आवाज सुनाई दे रही थी. वो ऐसी आवाज थी कि अगर जंगल के सन्नाटे में कोई कमजोर दिल का आदमी इसे सुनता तो दिल का दौरा पड़ जाता लेकिन मैं Wow Hornbill! चिल्लाते हुए कार से उतरी और मेरी नजरें जंगल के चहुंओर बेहद सुन्दर ग्रेट हॉर्नबिल पंछियों को ढूंढ़ने लगीं.
मेरे पति ने पहले से ही कहा था कि इस इलाके में Great Hornbill पंछी बड़ी तादाद में पाए जाते हैं. आगे कुछ किलोमीटर दूरी पर मुझे बहुत सारे Great Hornbill देखने को मिले. उसके बाद जब भी उस रास्ते से सफर करती, ग्रेट हॉर्नबिल को देखे बिना वहां से नहीं लौटती थी.
पश्चिमी घाटी के जिस एरिया में मेरा घर था वहां ज्यादातर Malabar Grey Hornbill पाए जाते हैं. कई बार Black Hornbill भी देखने को मिलते हैं. मेरे घर के सामने बरगद के पेड़ हैं उनपर इन पक्षियों का ठिकाना रहता है.
मेरी सुबह शाम अक्सर पंछियों की चहक कहिए या अट्टहास, इसे सुनने से ही होती है. मैं मेरे इलाके के इन हॉर्नबिल पंछियों से बहुत ज्यादा वाकिफ हूं. पापा की सुनाई कहानियों और किताबों में मिला ज्ञान सबको एक तरफ रखकर मैंने इनको मेरी नजर से स्टडी करने की कोशिश की है. मैं कई बार सही और कई बार गलत साबित हुई हूं.
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हॉर्नबिल पंछियों की एक बात लिखना जरूरी समझती हूं. इन पंछियों का जीवन विधान अन्य से बहुत अलग है. ये पंछी संतानोत्पत्ति के लिए नर और मादा मिलकर धूप के पेड़ों जैसे नर्म किस्म के बड़े और एवरग्रीन पेड़ों में बड़े चोंच से कुरेद कर अपना घोंसला तैयार करते हैं. इसके तैयार होते ही मादा उस पेड़ में बने घोंसले में घुसकर बैठ जाती है. नर हॉर्नबिल मादा हॉर्नबिल की चोंच बाहर दिखने जितना ही जगह बचाकर बाकी घोंसले के पूरे द्वार को मिट्टी और wood powder मिलाकर उसका पेस्ट बना बंद कर देता है.
घोंसले के अंदर मादा हॉर्नबिल सिरे पर जड़कर एक नर्म बिस्तर तैयार करती है. खुद के परों से बने बिस्तर पर मादा अंडे देकर हैचिंग के लिए बैठती है. जबतक मां और बच्चे उड़ने के काबिल नहीं बनते तबतक नर हॉर्नबिल उनके लिए खाना लाकर खिलाने की अहम भूमिका निभाता है. इस प्रक्रिया में थोड़ी सी भी गड़बड़ हुई तो समझिए हॉर्नबिल का पूरा परिवार का विनाश हुआ!
वो कैसे? मैं बताती हूं. समझिए अगर किसी ने नर हॉर्नबिल का शिकार कर लिया तब घोंसले में रहा पूरा परिवार भूखा मर जाएगा. अगर मादा और बच्चे ने घोंसले का बंद द्वार तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की तो भी परिवार बचना मुश्किल है क्योंकि जबतक घोंसले के अंदर के हॉर्नबिल के बदन पर नए पर निकलकर नहीं आते तब तक वो उड़ नहीं पाता. जिसके बदन पर अगर पर नहीं हैं तो दुकानों में पर निकालकर रखी मुर्गियों की तरह नंगे शरीर के पंछियों का कोई भी आसानी से शिकार कर यकता है. इस तरह एक पूरा परिवार का विनाश हो जाता है.
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आजकल मेरे इलाके के हॉर्नबिल्स की स्थिति चिंताजनक है. जंगलों में लोग इनका शिकार कर लेते हैं और शहरों के पास जीना मुश्किल है. बरसात और तूफान की वजह से पेड़ गिरने के खतरे से बचने के लिए इन बड़े पेड़ों को काट दिया जाता है इसलिए यह पंछी रास्ते के किनारे पेड़ पौधे पर रहने की आदत डाल रहे हैं. जंगल का खाना नहीं मिलता तो कौवे की तरह अन्न का धान भी चुनकर खाने लगे हैं. बड़े बड़े नर्म पेड़ों के बिना संतानोत्पत्ति भी नहीं हो सकती है.
(यह पोस्ट यहां कवयित्री मीरा मेघमाला की फेसबुक पोस्ट से साभार प्रकाशित किया जा रहा है. वह कर्नाटक में रहती हैं. )
(यहां दिये गये विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)
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नर Hornbill के 'घर' लौटने का संघर्ष और एक डर...मानो परिवार का विनाश