डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर फ्रंट लिबरेशन फ्रंट (Jammu Kashmir Liberation Front) पार्टी के मुखिया यासीन मलिक (Yasin Malik) को एनआईए (NIA) कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने पर पाकिस्तान भड़क गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मामले को मानवाधिकारों का बहाना बनाते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की बात कही है. शहबाज शरीफ ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर दुनिया को ध्यान देना चाहिए.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने ट्वीट किया, 'दुनिया को जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों के साथ भारत सरकार के दुर्व्यवहार पर ध्यान देने चाहिए.प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना व्यर्थ प्रयास है.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत के मानवाधिकारों के हनन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने का निरर्थक प्रयास है. मोदी सरकार के इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.'
World should take note of Indian govt's mistreatment of political prisoners in IIOJK. Conviction of prominent Kashmiri leader Yasin Malik on fake terrorism charges is futile effort 2 silence voices critical of India's blatant human rights abuses. Modi regime must b held 2 account
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 23, 2022
यासीन मलिक की सजा पर 25 मई को होगी बहस
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के नेता यासीन मलिको को NIA की विशेष अदालत ने आपराधिक साजिश रचने, अवैध रूप से धन जुटाने, आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का दोषी पाया है. बताया जा रहा है कि मलिक ने इन मामलों में खुद गुनाह कबूल किए हैं. सजा पर फैसले से पहले कोर्ट ने मलिक की वित्तीय स्थिति का लेखा-जोखा मांगा है. यासीन मलिक की सजा पर 25 मई को बहस होगी.
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Yasin Malik को दोषी ठहराए जाने पर भड़का पाकिस्तान, बोला- सजा का मुद्दा दुनियाभर में उठाएंगे